देश / दुश्मन के टैंक को पीछा करके बर्बाद कर देगी भारतीय सेना की Dhruvastra मिसाइल

AajTak : Jul 22, 2020, 04:01 PM
Delhi: सिर्फ दागो और भूल जाओ। यही मूलमंत्र है सेना की नई मिसाइल ध्रुवास्त्र का। भारत में बनी ध्रुवास्त्र मिसाइल 230 मीटर प्रति सेकंड की गति से चलती है। यानी 828 किलोमीटर प्रति घंटा। यह स्पीड इतनी है कि पलक झपकते ही दुश्मन के भारी से भारी टैंक को बर्बाद कर सकती है।

ध्रुवास्त्र (Dhruvastra) की रेंज 500 मीटर से लेकर 4 किलोमीटर तक है। ध्रुवास्त्र मिसाइल का पुराना नाम नाग मिसाइल था। ओडिशा के बालासोर में 15-16 जुलाई को इसका सफल परीक्षण किया गया। अब यह मिसाइल सेना को सौंपने के लिए तैयार है।

सेना इस ध्रुवास्त्र मिसाइल को ध्रुव हेलिकॉप्टर में लगाएगी। इस मिसाइल के लैस होने के बाद ध्रुव मिसाइल अटैक हेलिकॉप्टर बन जाएगा। ताकि जरूरत पड़ने पर दुश्मन को नाको चने चबाने पर मजबूर किया जा सके।

ध्रुवास्त्र मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और सेना के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। अब एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के लिए भारत को दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

DRDO के अनुसार ध्रुवास्त्र एक तीसरी पीढ़ी की 'दागो और भूल जाओ' टैंक रोधी मिसाइल (ATGM) प्रणाली है, जिसे आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर पर स्थापित किया गया है। ध्रुवास्त्र मिसाइल हर मौसम में हमला करने में सक्षम है। साथ ही इसे दिन या रात में भी दाग सकते हैं।

ध्रुवास्त्र मिसाइल का वजन करीब 45 किलोग्राम है। यह 6 फीट एक इंच लंबी है। इसका व्यास 7।9 इंच है। इसमें 8 किलो विस्फोटक लगाकर इसे बेहतरीन मारक मिसाइल बनाया जा सकता है।

इस मिसाइल में हीट सेंसर, इंफ्रारेड होमिंग इमेजिंग सिस्टम और मिलीमीटर वेव एक्टिव रडार लगा हुआ है। हीट सेंसर किसी भी टैंक की गर्मी पकड़ कर अपनी दिशा निर्धारित कर उसे तबाह कर देता है। इंफ्रारेड इमेजिंग का फायदा रात और खराब मौसम में मिलता है। 

चीन के साथ सीमा तनाव की स्थिति बरकरार है। सेना पूरी तरह सतर्क है, दूसरी ओर मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए DRDO स्वदेशी मिसाइलें बना रहा है। बता दें कि जल्द ही भारत को फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान भी मिलने वाला है जिसे अंबाला एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।

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