Fact Check / Broiler Chicken खाने से होता है कोरोना वायरस, जानें क्या है सच्चाई

News18 : Aug 13, 2020, 09:22 AM
नई दिल्ली। दुनिया में फैले कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के इस दौर में सोशल मीडिया पर आए दिन फैक न्यूज या गलत जानकारी वायरल हो रही है। इन गलत जानकारियों और फेक न्यूज (Fake News) से निपटना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। ट्विटर, वॉट्सऐप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फेक न्यूज को व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा है। इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि ब्रॉयलर चिकन (Broiler chicken) में कोरोना वायरस संक्रमण पाया गया है।

इन मैसेज की वजह से एक लाख करोड़ रुपये का पॉल्ट्री उद्योग हुआ बर्बाद- कोरोना वायरस के डर से लोग चिकन खाना बंद कर चुके हैं। जिसके कारण पोल्ट्री इंडस्ट्री (poultry industry) अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। चिकन से कोरोना वायरस फैलने की अफवाहों के कारण चिकन बेहद हो गया है। पोल्ट्री उद्योग और इससे संबंधित काम धंधे तबाही के कगार पर आ गए हैं। पोल्ट्री उद्योग की तबाही के कारण पोल्ट्री उपकरण और फीड मुहैया करने वाले उद्योग भी प्रभावित हुए हैं।

पोल्ट्री से जुड़े उद्योग भी हो रहे हैं तबाह-पोल्ट्री उद्योग को फीडिंग सिस्टम, मैनुअल फीडर, वाटर सिस्टम, ड्रिंकर हीटिंग सिस्टम, वेंटिलेटर आदि उपकरण मुहैया करवाने वाली एक कंपनी के मुताबिक कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद बीते एक महीने से उनके कारोबार पर काफी असर पड़ा है। उन्होंने बताया कि न तो किसी उपकरण की मांग आ रही है और न ही नये प्रोजेक्ट सामने आ रहे हैं, बल्कि पुराने प्रोजेक्ट ने भी फिलहाल काम बंद कर दिया है।

क्या है मामला- वायरल हो रहे इस दावे की एक कॉपी प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया (PIB) के फैक्ट चेक हैंडल द्वारा शेयर की गई है, जिसमें लिखा गया है कि ब्रॉयलर चिकन में कोरोना वायरस पाया गया है। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि आप ब्रॉयलर चिकन न खाएं और कृपया इसे हर जगह शेयर करें।

पीआईबी फैक्ट चेक ने इस खबर को खारिज करते हुए इस मैसेज को फेक बताया है। पीआईबी फैक्ट चेक के अनुसार, ब्रॉयलर चिकन में कोरोना वायरस पाए जाने का अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिला है, इसलिए यह खबर फेक है।

आपको बता दें कि H5N1 और कोरोना वायरस दो अलग-अलग इन्फ़ेक्शन हैं। H5N1 एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलता है, लेकिन करोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से सबसे ज्यादा फैलता है। इंसानों में इन्फ्लुएंज़ा-ए वायरस के सबटाइप H5N1 का इलाज एंटी वायरल दवाओं से संभव है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस संक्रमण का अभी तक जानवारों से फैलने का कोई प्रमाण नहीं मिला है। मांस, मछली, अंडे और दूध का सेवन सुरक्षित तरीके से किया जा सकता है, इसलिए वायरल मैसेज में ब्रॉयलर चिकन में कोविड-19 पाए जाने का जो दावा किया जा रहा है वो फेक है।

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