- भारत,
- 21-Jan-2021 08:53 PM IST
- (, अपडेटेड 21-Jan-2021 08:58 PM IST)
Farmers Protest: तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 57वें दिन जारी रहा। इस बीच किसान संगठनों ने सरकार की तरफ से बुधवार को दिए गए प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।सयुंक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा, ''आम सभा में सरकार द्वारा कल रखे गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया। तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की बात, इस आंदोलन की मुख्य मांगो के रूप में दोहराई गयी।''बता दें कि बुधवार को किसानों और सरकार के बीच 10वें दौर की बैठक हुई। इस बैठक में केंद्र सरकार ने आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के सामने नया प्रस्ताव रखते हुए कहा है कि वह कृषि कानूनों को एक-डेढ़ साल तक स्थगित करने के लिए तैयार है। इस दौरान सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की एक कमिटी इन कानूनों पर विस्तार से चर्चा कर समाधान का रास्ता निकालेगी।सरकार के प्रस्ताव पर किसान संगठनों ने कहा कि वे गुरुवार को आपस मे चर्चा कर अपने फैसले की जानकारी अगली बैठक में सरकार को देंगे। अगली बैठक शुक्रवार (22 जनवरी) को दोपहर 12 बजे होगी। आज किसान संगठनों की बैठक हुई और इस बैठक में किसान यूनियन ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने का फैसला लिया।ट्रैक्टर रैलीकिसान संगठन पहले ही 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का एलान कर चुके हैं। इस संबंध में दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज किसान नेताओं के साथ बैठक की।सूत्रों के मुताबिक, बैठक में पुलिस अधिकारियों ने प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को दिल्ली के व्यस्त बाहरी रिंग रोड की बजाय कुंडली-मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे पर आयोजित करने का सुझाव दिया था जिसे किसान संगठनों ने अस्वीकार कर दिया।संयुक्त किसान मोर्चा ने भी अपने बयान में कहा है कि पुलिस प्रशासन के साथ हुई बैठक में पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश न करने की बात कही वहीं किसानों ने दिल्ली की रिंग रोड पर परेड करने की बात दृढ़ता और ज़ोर से रखी।
