दुनिया / इमरान खान को उल्टा पड़ने लगा खेल, पाक सेना और तालिबान के बीच गोलीबारी

Zoom News : Dec 25, 2021, 08:02 PM
अफगानिस्तान पर कब्जे के लिए तालिबान की मदद करना इमरान खान को अब उल्टा पड़ने लगा है। डूरंड लाइन पर पाकिस्तानी सेना और अफगान तालिबान के बीच गोलीबारी चल रही है। ताजा घटनाएं शुक्रवार को बाजौर इलाके के गांवों गंजगाल, सरकानो और कुनौर में हुई हैं। स्थानीय मीडिया में आईं खबरों और पत्रकारों की ओर से ट्वीट किए गए वीडियो में दिख रहा है कि दोनों पक्ष एक दूसरे पर गोलियां बरसा रहे हैं। 

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार दोपहर दोनों ओर से करीब आधे घंटे तक फायरिंग होती रही। कथित तौर पर यह गोलीबारी उस समय शुरू हुई जब तालिबान के एक स्नाइपर ने सीमा पर तारबंदी में जुटे दो पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया। इसके बाद पाकिस्तानी सैनिकों ने यहां बस्तियों पर फायरिंग की। जवाब में तालिबानी लड़ाकों ने भी जमकर गोलीबारी की। 

एक लोकल रिपोर्ट में कहा गया है कि इलाके में भीषण गोलीबारी हुई। कई छर्रों और तोप के गोलों की जद में ग्रामीण आए। इस बीच, शनिवार को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने 19 दिसंबर को दर्रा आदम खेल में केंद्रीय मंत्री शिबली फराज पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें उनका ड्राइवर और अंगरक्षक घायल हो गए थे।

सीमा पर यह झड़प ऐसे समय पर हुई है जब तालिबान और पाकिस्तान ने दावा किया है कि तारबंदी को लेकर उन्होंने हलिया झगड़े को सुलझा लिया है। शुक्रवार को पत्रकारों के एक समूह से बात करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वरिष्ठ स्तर पर यह तय किया गया है कि भविष्य में बाड़ से जुड़े मुद्दों को आपसी सहमति से निपटाया जाएगा। हालांकि, अधिकारी ने यह नहीं बताया कि असल में किस स्तर पर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बातचीत हुई है। 

इससे पहले पाकिस्तान के सबसे बड़े अखबार डॉन ने खबर दी थी कि बुधवार को तालिबानी लड़काों ने तारबंदी में रुकावट डाली थी और काटेदार तार लेकर चले गए थे। पाकिस्तान 2017 से अफगानिस्तान के साथ 2600 किलोमीटर लंबी सीमा पर बाड़ लगा रहा है ताकि पड़ोसी देश से आतंकवादी घुसपैठ और तस्करी को रोका जा सके। तारबंदी के लावा यहां बॉर्डर पोस्ट भी बनाए जा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक इसका 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। 

तारबंदी का विरोध क्यों कर रहा है तालिबान

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तारबंदी एक झगड़े की वजह रहा है, क्योंकि अफगानिस्तान यह कहकर इसका विरोध करता है कि सीमा का सीमांकन औपनिवेशिक काल में हुआ था। अफगान पश्तून अपने देश की सीमाओं को डूरंड रेखा के आधार पर परिभाषित करते हैं, वहीं पाकिस्तान इस सीमांकन का विरोध करता है। सीमा की स्थिति पर मतभेद इतने गहरे हैं कि अतीत में दोनों देशों के सैनिकों के बीच कई घातक संघर्ष हुए हैं।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER