उत्तर प्रदेश / अखिलेश सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति गैंगरेप केस में दोषी करार

Zoom News : Nov 10, 2021, 09:46 PM
उत्तर प्रदेश | सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति सहित तीन आरोपियों को एमपी /एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने सामूहिक दुष्कर्म एवं पास्को एक्ट के अपराध का दोषी करार दिया है। सजा के प्रश्न पर सुने जाने के लिए सभी आरोपियों को 12 नवंबर के लिए अदालत ने जेल से तलब किया है। वहीं दूसरी ओर अदालत ने इसी मामले में अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंद्रपाल एवं रुपेश्वर उर्फ रुपेश को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। इन सभी आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया था। मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति, अशोक तिवारी, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, विकास वर्मा ,चंद्रपाल रूपेश्वर उर्फ रूपेश तथा आशीष कुमार जेल में बंद रहे। 

अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सच्चिदानंद राय एवं विशेष अधिवक्ता रमेश कुमार शुक्ला का तर्क था कि इस प्रकरण की रिपोर्ट चित्रकूट की रहने वाली महिला द्वारा 18 फरवरी 2017 को राजधानी के गौतम पल्ली थाने पर दर्ज कराई गई थी। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सभी आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक दुराचार किया तथा उसकी नाबालिग बेटी के साथ भी दुराचार करने का प्रयास किया। आरोप है कि खनन का कार्य और नौकरी दिलाने के लिए आरोपियों ने महिला को लखनऊ बुलाया तथा भिन्न-भिन्न स्थानों पर उसके साथ दुराचार किया गया ।महिला का आरोप है कि उसके द्वारा घटना की विस्तृत रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक से भी की गई थी लेकिन कोई कार्यवाही न होने पर उसके द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश हुआ था।

कब -कब क्या हुआ

वर्ष 2013-महिला की मुलाकात चित्रकूट के राम घाट पर गंगा आरती के दौरान पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति से हुई।

वर्ष 2014 से लेकर 2016 तक पीड़िता के साथ आरोपियों द्वारा सामूहिक दुराचार करने का आरोप।

17 अक्टूबर 2016 को पीड़िता द्वारा गायत्री प्रजापति सहित सभी आरोपियों के विरुद्ध सामूहिक दुष्कर्म करने की शिकायत डीजीपी से की गई

16 फरवरी 2017 को उच्चतम न्यायालय ने पीड़िता की विशेष अनुमति याचिका पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदेश सरकार एवं पुलिस को दिया।

18 जुलाई 2017 को आरोपी गायत्री प्रजापति ,विकास वर्मा आशीष शुक्ला एवं अशोक तिवारी के विरुद्ध धारा 376डी, 354ए(1), 509, 504, 506 भारतीय दंड संहिता एवं धारा 5जी/ धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम( पाक्सो एक्ट) का आरोप तय हुआ। साथ ही अभियुक्त अमरेन्द्र सिंह उर्फ पिंटू, चंद्रपाल एवं रूपेश्वर उर्फ रूपेश के विरुद्ध धारा 176 डी, 354ए(1), 509, 504 एवं 506 भारतीय दंड संहिता का आरोप विरचित किया गया।

विचारण के दौरान मुकदमे में 17 अभियोजन साक्षी एवं 11 प्रपत्रीय साक्ष्य अभियोजन की ओर से प्रस्तुत किए गए।

दो नवंबर 2021 को सभी आरोपियों का बयान कोर्ट ने दर्ज किया 

आठ नवंबर 2021 को अदालत द्वारा अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष की ओर से अंतिम बहस सुनने के उपरांत 10 नवंबर के लिए अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया।

10 नवंबर 2021 को पूर्व मंत्री गायत्री , अशोक तिवारी एवं आशीष दोषी करार हुये। जबकि पिंटू, विकास वर्मा चंद्रपाल एवं रूपेश को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त 

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