Zoom News : Jun 08, 2019, 12:59 PM
कैलिफॉर्निया. गूगल की नीतियों में बदलाव के आंदोलन की अगुआई करने वाली क्लेयर स्टेपलटन ने बुधवार को कंपनी छोड़ दी। यह जानकारी शुक्रवार को सामने आई। स्टेपलटन ने गूगल के अधिकारियों पर बदले का रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। वे यू-ट्यूब में मैनेजर के पद पर थीं और 12 साल से गूगल से जुड़ी हुई थीं।उन्होंने पिछले साल गूगल के कर्मचारियों द्वारा किए गए वॉकआउट का नेतृत्व किया था।अधिकारियों के बदले के रवैए से काम करना मुश्किल हो गया था: स्टेपलटनस्टेपलटन ने शुक्रवार को जारी एक पोस्ट में कहा है कि विभाग के अधिकारियों ने मेरी छवि व्याभिचारी जैसी बना दी थी। इस वजह से मेरे लिए नौकरी करना और दूसरा जॉब ढूंढ़ना भी मुश्किल हो गया। अगर में रुकती तो शायद और दिक्कतें बढ़ जातीं।पिछले साल नवंबर में 50 शहरों में गूगल के 20,000 कर्मचारियों ने ऑफिस से वॉकआउट किया था। वे यौन शोषण के मामलों से निपटने की गूगल की नीति का विरोध कर रहे थे।गूगल को पॉलिसी बदलनी पड़ी थीकर्मचारियों के गुस्से को देखते हुए गूगल को पॉलिसी में बदलाव करना पड़ा था। कंपनी ने अनिवार्य मध्यस्थता की शर्त खत्म कर दी। यानि यौन शोषण के पीड़ित कर्मचारी कंपनी की मध्यस्थता की बजाय सीधे कोर्ट जा सकते हैं।अफसरों ने जबरन छुट्टी पर जाने का दबाव बनाया: स्टेपलटनस्टेपलटन का कहना है कि गूगल ने सार्वजनिक तौर पर मेरी प्रशंसा की थी लेकिन यह अलग और अंदरुनी मामला था। अधिकारियों ने मेरे खिलाफ बदले की भावना से काम किया। मेरा ओहदा कम कर (डिमोटेड) मेडिकल लीव पर जाने के लिए कहा गया जबकि मुझे कोई बीमारी नहीं थी।गूगल ने कहा- जांच करवाई लेकिन आरोप साबित नहीं हुएगूगल का कहना है कि स्टेपलटन के आरोपों की जांच करवाई गई लेकिन बदले की कार्रवाई जैसा कोई सबूत नहीं मिला। बल्कि स्टेपलटन की मैनेजमेंट टीम ने उन्हें सपोर्ट किया। गूगल में काम करने के लिए स्टेपलटन का शुक्रिया, हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।