Adani Group / अडानी के शेयरों में गिरावट पर सरकार हुई चौकन्नी, हो रही बही-खातों की जांच

Zoom News : Feb 04, 2023, 10:39 AM
Adani Group: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी समूह की दिक्कतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. जहां एक तरफ समूह को अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ पूरी तरह सब्सक्राइब होने के बाद वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है. वहीं समूह की लिस्टेड कंपनियों के शेयर लगातार टूट रहे हैं. अब कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने भी इस बारे में एक बड़ा फैसला किया है.

भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय का कहना है कि उसने अडानी ग्रुप के फाइनेंशियल स्टेटमेंटस और अन्य रेग्युलेटरी सब्मिशन की जांच शुरू कर दी है. हालांकि इस बीच अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लगाए आरोपों से इनकार किया.

सरकार की ओर से पहली बड़ी कार्रवाई

अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को रिपोर्ट जारी की. इसके बाद समूह की कुछ कंपनियों के शेयर्स में 50 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गइ है. इस बीच नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से लेकर अन्य बाजार नियामक इस मामले की जांच में शामिल हैं.

वहीं मंत्रालय का इस तरह की समीक्षा करना, सरकार की ओर से अडानी ग्रुप की स्क्रूटनी को लेकर की गई पहली पहल है. रॉयटर्स ने शुक्रवार को दो वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से ये खबर दी है.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारतीय कंपनी कानून की धारा-206 के तहत मंत्रालय ने गुरुवार को अडानी ग्रुप की समीक्षा करना शुरू कर दिया है. इस प्रावधान के तहत मंत्रालय कंपनी की बैलेंस शीट, बही खातों और अन्य वित्तीय दस्तावेजों की जांच कर सकती है. इतना ही नहीं अगर सरकार को कंपनी से किसी अन्य दस्तावेज की जरूरत पड़ती है, तो उसे भी वह मांग सकती है.

सही समय पर उठाया जाएगा कदम

रॉयटर्स ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि कॉरपोरेट मामलों के महानिदेशक ने एक जांच शुरू की है. मंत्रालय इस पूरे हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है. समय के मुताबिक उचित कदम उठाएगा.

इस बारे में अडानी समूह की ओर से कोई तत्काल टिप्पणी नहीं की गई है. ना ही महानिदेशक के कार्यालय की ओर से कोई बयान दिया गया है.

हिंडनबर्ग रिसर्च ने डुबोया अडानी को

अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर अपनी कंपनी के शेयरों में मैनुपुलेशन करके उनकी कीमत को जरूरत से ज्यादा बढ़ा चढ़ाकर कारोबार करने और अकाउंटिंग फ्रॉड करने के आरोप लगाए हैं. जबकि अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है.

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