देश / नए आयकर पोर्टल में दिक्कतों के चलते सरकार ने फॉर्म्स को मैनुअली जमा करने की इजाज़त दी

Zoom News : Jun 15, 2021, 09:24 AM
नई दिल्ली: आयकर विभाग (Income Tax Department) ने सोमवार को कुछ टैक्स फॉर्म हाथ से भरने की अनुमति दे दी। टैक्स फाइल करने के नए पोर्टल (New I-T e-filing Portal) के शुरू होने के एक सप्ताह बाद भी तकनीकी खामियां जारी रहने के बीच यह मंजूरी दी गई है। आयकर विभाग ने सर्कुलर जारी कर बैंक के पास 30 जून तक फॉर्म 15सीए/15सीबी (विदेश में पैसा भेजने के लिए जरूरी) हाथ से भरने की अनुमति दी है ताकि कामकाज को लेकर लेन-देन सुचारू रूप से चलता रहे।

इन फॉर्मों को बाद में ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। नया पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.इनकमटैक्स.गॉव.इन (www.incometax.gov.in) सात जून को चालू किया गया। आयकर विभाग और सरकार ने कहा कि इसका मकसद अनुपालन को करदाताओं के लिए और सुगम बनाना है।

बरकरार हैं नए पोर्टल की दिक्कतें

पोर्टल पर काम में तकनीकी समस्याओं की शिकायतें पहले दिन से ही आनी शुरू हो गईं। एक सप्ताह के बाद भी शिकायतें बनी हुई हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट के अनुसार करदाता पिछली बार ई-फाइल किए गए अपने रिटर्न नहीं देख पा रहे हैं। कई सुविधाएं अभी शुरू नहीं हुई है। उस पर यह लिखा आ रहा है ‘कमिंग सून’ यानी जल्द शुरू होगी। आयकर विभाग ने एक बयान में कहा, ‘‘करदाताओं ने आयकर फॉर्म 15सीए/15सीबी को पोर्टल पर भरने में समस्या की बात कही है, इसको देखते हुए यह निर्णय किया गया है कि करदाता ये फॉर्म 30 जून तक अधिकृत डीलरों के पास ‘मैनुअल’ प्रारूप में भर सकते हैं।’’ आयकर विभाग ने यह भी सलाह दी है कि अधिकृत डीलर विदेशों में पैसा भेजने के लिए 30 जून, 2021 तक ये फॉर्म स्वीकार करेंगे।

बयान के अनुसार, ‘‘दस्तावेज पहचान संख्या सृजित करने के मकसद से इन फॉर्मों को अपलोड करने के लिए सुविधा बाद में दी जाएगी।’’ किसी भी व्यक्ति को विदेश में पैसा भेजने के लिए फॉर्म 15सीए ‘ऑनलाइन’ फॉर्म/घोषणा पत्र देने की जरूरत होती है। उन्हें सौदे की प्रकृति और भेजी जा रही राशि पर काटे गए आयकर के बारे में जानकारी देनी होती है। कुछ मामलों में फॉर्म 15सीए को चार्टर्ड अकाउंटेंट के प्रमाणपत्र की जरूरत पड़ती है जो फॉर्म 15सीबी के जरिए दिया जाता है।

बैंक फॉर्म 15सीए/15सीबी भरे बिना पैसा विदेश भेजने की अनुमति नहीं दे रहे

नांगिया एंड कंपनी एलएलपी भागीदार शैलेश कुमार ने कहा कि पुराने ई-फाइलिंग पोर्टल के 31 मई, 2021 को बंद होने और नए पोर्टल में तकनीकी खामियों के कारण 15सीए और 15सीबी फॉर्म ‘ऑनलाइन’ भरना अबतक संभव नहीं हो पाया है। इससे उन कंपनियों के लिए समस्याएं पैदा हुई हैं, जिन्हें ऑर्डर देने या लाइसेंस लेने अथवा वाणिज्यिक बाधाओं को पूरा करने के लिए दूसरे देशों में भुगतान करने की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बैंक फॉर्म 15सीए/15सीबी के अभाव में विदेशों में पैसा भेजने की अनुमति नहीं दे रहे। इससे कई कंपनियों के सौदे थम गए हैं।’’कुमार ने कहा कि कंपनियों की कठिनाइयों को समझते हुए, सरकार ने यह सर्कुलर जारी किया है और फॉर्म 15सीए/15सीबी हाथ से भरने की अनुमति दे दी है ताकि सौदा नए ई-फाइलिंग पोर्टल पर तकनीकी खामियों के बाद भी जारी रहे।’’

वित्त मंत्री ने कहा था जल्द से जल्द दिक्कतें दूर करने को

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पोर्टल तैयार करने वाली आईटी कंपनी इन्फोसिस (Infosys) और उसके चेयरमैन नंदन नीलेकणि (Nandan Nilekani) से एक ट्वीट के जरिए आयकर विभाग की नई ई-फाइलिंग वेबसाइट में आ रही तकनीकी खामियों को दूर करने को कहा था। पोर्टल शुरू होने के दूसरे ही दिन सीतारमण के ट्विटर टाइमलाइन पर भारी संख्या में यूजर्स ने पोर्टल के सही तरीके से काम नहीं करने की शिकायत की थी। उसके बाद वित्त मंत्री ने इन्फोसिस और उसके चेयरमैन से समस्याओं को दूर करने को कहा था।

नीलेकणि का क्या रहा था जवाब

सीतारमण के ट्वीट का जवाब देते हुए नीलेकणि ने कहा था कि इन्फोसिस तकनीकी दिक्कतें दूर कर रही है। इन्फोसिस को 2019 में नेक्स्ट जनरेशन आयकर फाइलिंग प्रणाली तैयार करने का अनुबंध दिया गया था। इसका मकसद रिटर्न की प्रोसेसिंग प्रक्रिया में लगने वाले 63 दिन के समय को कम कर एक दिन करने और ‘रिफंड’ प्रकिया को तेज करना है।

नोटिस के अनुपालन में आ रही समस्या

नांगिया एंड कंपनी एलएलपी भागीदार शैलेश कुमार ने कहा कि पोर्टल में ‘लॉग इन’ करने में होने वाली समस्याओं के साथ महत्वपूर्ण सुविधाएं अभी शुरू नहीं हुई है। जैसे 'ई-कार्यवाही' टैब पर ‘जल्द शुरू होने’ का संदेश आ रहा है। इससे करदाताओं और टैक्स प्रोफेशनल्स के बीच आदेशों के संबंध में चिंता बढ़ रही है। आदेश पारित किए जा रहे हैं और संबंधित मामले में अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहा है क्योंकि नोटिस के अनुपालन में समस्या आ रही है।

कुमार ने कहा, ‘‘करदाताओं को उन कारणों से दंड भुगतना पड़ सकता है, जो उनके नियंत्रण में ही नहीं है। साथ ही, करदाताओं को विदेशों में धन भेजने के लिए एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वे फॉर्म 15सीए/सीबी जारी करने में असमर्थ हैं। पोर्टल शुरू होने के बाद भी ये समस्या हैं। ये छोटी-मोटी गड़बड़ियां नहीं हैं और इस पर तत्काल ध्यान देने और समाधान करने की आवश्यकता है।’’

तकनीकी खामियां दूर होने पर ही फायदा

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि पिछले सप्ताह से पोर्टल पर जिन सामान्य मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है, उनमें ‘लॉग इन’ में 10-15 मिनट का समय लगना, आकलन नोटिस के जवाब दाखिल करने में समस्या, पिछली फाइलिंग से संबंधित आंकड़े पोर्टल पर दिखाई नहीं देना और ई-कार्यवाही प्रणाली का पूरी तरह चालू नहीं होना शामिल हैं।’’ मोहन ने कहा, ‘‘नए आयकर पोर्टल की समस्याओं को जल्द-से-जल्द दूर करने की जरूरत है। तकनीकी खामियों से करदाताओं और टैक्स प्रोफेशनल्स को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।’’

डेलॉयट इंडिया की भागीदार आरती राउत ने कहा कि नए आयकर पोर्टल ने सभी के लिए उम्मीदें जगाई हैं। लेकिन नए पोर्टल का लाभ तभी दिखेगा, जब तकनीकी खामियां दूर हो जाएंगी। ध्रुव एडवाइजर्स एलएलपी भागीदार संदीप भल्ला ने भी कहा कि वेबसाइट यूजर्स के लिए अनुकूल जान पड़ती है लेकिन यह काफी धीमी चल रही है।

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