सावधान / बाजार में बिक रहा हाई मेथेनॉल वाला सैनेटाइजर, खराब कर सकता है आपकी सेहत

News18 : Aug 06, 2020, 09:55 AM
चंडीगढ़। कुछ कंपनियां कोरोना (Corona) के संकट काल में भी पैसा बनाने के चक्कर में जनता को धोखा देने से बाज नहीं आ रहीं। बाजार में आपकी सेहत को खराब कर देने वाले सैनेटाइजर (Sanitizer) की बिक्री हो रही है। इसलिए खरीदने से पहले यह जरूर देख लें कि ब्रांड कोई लोकल तो नहीं है। हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से एकत्र किए गए सैंपल फेल होने के कारण 11 सैनेटाइजर ब्रांड के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई गई है। इसके साथ ही संबंधित ब्रांड का लाईसैंस रद्द या सस्पेंड करने का नोटिस भी जारी किया गया है।

विज ने कहा कि हरियाणा के खाद्य एवं औषध प्रशासन द्वारा 248 सैंपल एकत्र किए गए थे, जिनमें से 123 की रिपोर्ट मिल गई है। इनमें से 109 पास हुए हैं, जबकि 14 फेल पाए गए हैं। इनमें 9 ब्रांड की गुणवत्ता ठीक नहीं पाई गई जबकि 5 में मेथेनॉल की अधिकता पाई गई है, जो एक विष का काम करता है। फेल ब्रांड सैनेटाइजर का पूरा स्टॉक मार्किट से वापिस लाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि लोगों को किसी प्रकार का नुकसान न हो सके।

करनाल, हिसार में सामने आए केस

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कैथल जिले की दो कंपनियों के सेनेटाइजर सैंपल फेल पाए गए। इसी प्रकार करनाल जिले की एक कंपनी के 9 नमूने फेल मिले, जिनमें शरीर के लिए हानिकारक मेथेनॉल (Methanol) की अधिकता पाई गई। इनके अलावा हिसार जिले से दो ब्रांड भी गुणवत्तापरक नहीं पाए गए हैं। इनके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया गया है और उचित कार्रवाई के लिए नोटिस जारी कर दिया है।

क्या है मेथेनाल, कितना हो सकता है नुकसान

मेथेनॉल एक कार्बनिक यौगिक है। यह हल्का, वाष्पशील, रंगहीन और ज्वलनशीन द्रव्य है। इसकी महक एथेनॉल यानी अल्कोहल जैसी होती है, लेकिन यह जहरीला होता है। मार्च महीने में ईरान (Iran) में एक अफवाह फैली थी कि मेथेनॉल पीने से कोरोना के वायरस मर जाते हैं। इसके बाद इसे वहां कम से कम 300 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 1000 अन्य लोग प्रभावित थे।

मार्च और मई में लिए गए थे सैंपल

विज ने बताया कि कोरोनाकाल शुरू होते ही बाजार में नकली सैनेटाइजर बिकने की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके चलते खाद्य एवं औषध प्रशासन को हरियाणा के जिलों में छापेमारी करने के निर्देश दिए गए थे। इससे प्रशासन द्वारा 6 से 8 मार्च तक सभी जिलों में छापेमारी की और 158 सैंपल एकत्र किए गए। इसी प्रकार 22 मई को भी राज्य के विभिन्न भागों से 90 नमूने एकत्र किए गए।

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