स्पोर्ट्स / हिटमैन रोहित शर्मा ने की 16 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग की तारीफ, आप हमारे लिए प्रेरणा

AMAR UJALA : Sep 24, 2019, 05:08 PM
संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) के सवालों ने दुनियाभर के नेताओं को झकझोर दिया। ग्रेटा ने युवा पीढ़ी की आवाज को दुनिया के सामने रखते हुए रहा, हमें समझ आ रहा है कि जलवायु परिवर्तन पर आपने हमारे साथ धोखा किया है और अगर आपने कुछ नहीं किया तो युवा पीढ़ी आपको माफ नहीं करेगी। यह लड़की जलवायु परिवर्तन की बुलंद आवाज बन चुकी है। जहां एक ओर यूएस के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ग्रेटा की तारीफ कर रहे हैं तो दूसरी ओर भारतीय क्रिकेट टीम के उपकप्तान रोहित शर्मा भी ग्रेटा के फैन हो गए।

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महज 16 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) के उठाए मुद्दों का भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने पुरजोर समर्थन किया है। टीम इंडिया के इस जांबाज ने ग्रेटा का भाषण सुनने के बाद अपने विचार ट्विटर पर साझा किए। स्वीडन की रहने वाली ग्रेटा ने जलवायु सम्मेलन में वैश्विक नेताओं को चेतावनी दी थी। जलवायु परिवर्तन पर उन्होंने कहा था- मुझे इस समय स्कूल में होना चाहिए, लेकिन हालात की गंभीरता के चलते वह इस मंच पर खड़ी हुई हैं।

रोहित ने ग्रेटा के उस चार मिनट 18 सेकेंड लंबे वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'धरती को बचाने का जिम्मा हमारे बच्चों पर छोड़ना पूरी तरह गलत है। ग्रेटा आप हमारे लिए प्रेरणा हैं। अब कोई बहाना नहीं चलेगा। हमें आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित ग्रह देना होगा। अब बदलाव का वक्त है।' हिटमैन ने ग्रेटा को टैग भी किया। युवा ग्रेटा थन्बर्ग अब दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम का चेहरा बन गई हैं। उन्होंने ग्लोबल वॉर्मिंग के मुद्दे को भी दमदार अंदाज में सामने रखा।

आखिर कौन हैं ग्रेटा?

ग्रेटा थनबर्ग का जन्म तीन जनवरी 2003 को हुआ है। उनकी मां मलेना इर्नमैन ऑपेरा सिंगर और पिता स्वांते थनबर्ग अभिनेता हैं। ग्रेटा ने आठ साल की उम्र में पहली बार जलवायु परिवर्तन के बारे में सुना था। 11 साल की उम्र की तक उन्होंने जलवायु परिवर्तन के संकट को समझना शुरू कर दिया था। वह अपनी बात को बेबाक और तथ्य आधारित तरीके से रखने के लिए जानी जाती हैं। जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर दुनियाभर के लोगों के लिए ग्रेटा एक आइकन बन गई हैं। वह जलवायु परिवर्तन पर बड़े-बड़े भाषण देती हैं। नवंबर 2018 में उनके अभियान में 24 देशों के लगभग 17 हजार छात्रों ने हिस्सा लिया था। मार्च 2019 तक उनके अभियान से 135 देशों के 20 लाख बच्चे जुड़ चुके थे। वहीं इस साल अगस्त में यह संख्या बढ़कर 36 लाख हो गई।

ग्रेटा ने अपने भाषण में क्या कहा था?

ग्रेटा ने अपने भाषण में कहा था, 'अगर जलवायु परिवर्तन से जूझने में दुनियाभर के नेता विफल रहे, तो युवा पीढ़ी उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। मुझे इस समय स्कूल में होना चाहिए, लेकिन हालात की गंभीरता के चलते वह इस मंच पर खड़ी हुई हूं। आपने अपने खोखले शब्दों से मेरा बचपन, मेरे सपने छीन लिए। लोग मर रहे हैं। पर्यावरण ध्वस्त हो रहा है। हम सामूहिक विनाश की कगार पर हैं और आप पैसे और आर्थिक विकास की बात कर रहे हैं। आपकी ऐसा करने की हिम्मत कैसे हुई? 30 सालों के वैज्ञानिक आंकड़े हमारे सामने हैं, लेकिन समस्या से निपटने के लिए राजनैतिक कोशिश और समाधान कहीं नजर नहीं आते। युवा पीढ़ी अब वैश्विक नेताओं की चाल समझने लगी है।' 


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