Solar System / सौर मंडल के किस ग्रह पर कितने दिन जिंदा रहने की है गुंजाइश, जान लीजिए

Zoom News : Nov 24, 2022, 03:58 PM
How long human survive on planets: जिंदगी और मौत पर किसी का जोर नहीं है. जो पैदा हुआ है उसका अंत सुनिश्चित है. ऐसी सच्चाई के बीच किसकी उम्र कितनी होगी कोई नहीं जानता. वहीं दुनिया में कई ऐसे इंसान भी हुए हैं जो स्वस्थ्य जीवन बिताते हुए 100 साल से ऊपर की जिंदगी जीने के बाद दुनिया छोड़ कर गए हैं. मेडिकल साइंस की कामयाबियों और एडवांस तकनीक के बल पर आज चांद पर इंसानी बस्ती बसाने जैसी बातें होने लगी हैं. ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि सौर मंडल के किस ग्रह पर इंसान कितने समय जिंदा रह सकता है या क्या दूसरे ग्रहों पर भी जीवन संभव है? 

खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक, स्पेससूट (Spacesuit) के बिना धरती के बाहर जाना संभव नहीं है. ऐसे में इस चर्चा की शुरुआत सूर्य (Sun) से करें तो नासा (NASA) के मुताबिक, सूर्य का तापमान सतह पर करीब 1.5 करोड़ डिग्री सेल्सियस होता है. ऐसे में ये सोचना तो फिलहाल बेमानी होगा कि कोई सूरज पर जा सकेगा. क्योंकि इतने उच्च तापमान में कोई भी व्यक्ति या वस्तु भुन जाएगी या भाप बनकर उड़ जाएगी. वहीं मंगल ग्रह बहुत ठंडा है, इसलिए मंगल पर रहने के लिए आपको काफी गर्म कपड़ों की जरूरत होगी. यहां भी आप उतनी ही देर तक सर्वाइव कर सकते हैं, जितनी देर तक अपनी सांस रोक सकें. 

अमेरिकी खगोल वैज्ञानिक नील डी टायसन के मुताबिक, अब बात बुध की करें तो ये भी बेहद गर्म प्लेनेट है. हालांकि बुध का पिछला पक्ष या हिस्सा बर्फ से जमा है, एक साइंस जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक वहां तापमान शून्य -179ºC रहता है. अगर आप इन दोनों तापमानों के बीच की रेखा पर जाते हैं, तो आप तब तक ही जीवित रह सकते हैं, जब तक आप सांस रोक सकें. इस हिसाब से आप यहां करीब एक से दो मिनट तक ही जिंदा रह सकते हैं. 

अब बात बृहस्पति ग्रह की करें तो यहां भी कई चुनौतियां हैं. इस ग्रह की कोई ठोस सतह नहीं है और वातावरण भी शुष्क है. यहां ऑक्सीजन नहीं है. इसलिए बृहस्पति पर तो गैसों के दबाव में ही इंसान का मौत हो जाएगी. यानी यहां पर भी जीवन संभव नहीं है. 

शुक्र का तापमान भी 900 ºF (482ºC) है. इसलिए यहां भी इंसान का हाल सूर्य पर जाने जैसा ही होगा. हालांकि, शुक्र पर पृथ्वी की तरह ही गुरुत्वाकर्षण बल मौजूद है, इसलिए वहां आप घूम सकते हैं, लेकिन यहां भी बस वही एक शर्त है कि ऐसा तब तक ही संभव हो सकेगा जब तक कोई शख्स यहां अपनी सांस रोक सके. यानी इस ग्रह पर भी एक सेकंड तक रुकना असंभव ही है.

इसी तरह से शनि (Saturn), यूरेनस और नेप्च्यून गैस के गोले हैं. कोई यहां जाएगा तो गैसों के दबाव की वजह से ही फौरन मर जाएगा. यानी कि यहां भी इंसानों के जिंदा रहने का कोई चांस ही नहीं है. 

सौर मंडल के ग्रहों में अकेले अपनी पृथ्वी ही ऐसी है जो इंसानों से लेकर जीव-जंतुओं और वनस्पतियों को भी बढ़ने और पनपने का मौका देती है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पृथ्वी के अलावा कोई भी ऐसी जगह नहीं है, जहां पर इंसान बिना कोई अतिरिक्त तैयारी किए दो मिनट से ज्यादा समय तक जिंदा रह सके.

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