Indian Cricket Team / BCCI सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में कितनी मिलती है रकम, खिलाड़ियों की ये रही सैलरी

बीसीसीआई भारतीय खिलाड़ियों के लिए जल्द ही सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट का ऐलान कर सकता है। ग्रेड ए प्लस में रोहित शर्मा, विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह और रवींद्र जडेजा शामिल हैं, जिन्हें 7 करोड़ रुपये सालाना मिलते हैं। अन्य ग्रेड के खिलाड़ियों को 5 करोड़, 3 करोड़ और 1 करोड़ मिलते हैं।

बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) जल्द ही भारतीय क्रिकेटरों के सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट का ऐलान कर सकता है। आमतौर पर इस घोषणा में ज्यादा देर नहीं की जाती, लेकिन इस बार चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की तैयारियों और टूर्नामेंट में व्यस्तता के कारण इसमें थोड़ी देरी हुई है। अब जब भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतकर स्वदेश लौट चुकी है, तो जल्द ही बीसीसीआई द्वारा इस संबंध में आधिकारिक घोषणा किए जाने की संभावना है। आइए जानते हैं कि बीसीसीआई की सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट नीति क्या है और खिलाड़ियों को इसके तहत कितनी सैलरी मिलती है।

बीसीसीआई की सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट पॉलिसी

बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों को चार श्रेणियों (ग्रेड) में विभाजित करता है, जिनके आधार पर उन्हें वार्षिक अनुबंध के तहत वेतन मिलता है। ये ग्रेड इस प्रकार हैं:

1. ग्रेड ए+ (A Plus)

इस ग्रेड में देश के शीर्ष चार खिलाड़ी शामिल किए जाते हैं, जिन्हें बीसीसीआई द्वारा सबसे अधिक वार्षिक वेतन दिया जाता है। मौजूदा सूची के अनुसार, ग्रेड ए+ में निम्नलिखित खिलाड़ी शामिल हैं:

  • रोहित शर्मा

  • विराट कोहली

  • जसप्रीत बुमराह

  • रवींद्र जडेजा

इन खिलाड़ियों को बीसीसीआई द्वारा प्रति वर्ष 7 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है।

2. ग्रेड ए (A)

ग्रेड ए के अंतर्गत ऐसे खिलाड़ी आते हैं, जो भारतीय टीम के प्रमुख सदस्य होते हैं और नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हैं। वर्तमान में इस ग्रेड में शामिल खिलाड़ी हैं:

  • हार्दिक पांड्या

  • रविचंद्रन अश्विन

  • मोहम्मद शमी

  • ऋषभ पंत

  • केएल राहुल

  • मोहम्मद सिराज

  • शुभमन गिल

  • अक्षर पटेल

इस ग्रेड के खिलाड़ियों को बीसीसीआई सालाना 5 करोड़ रुपये का वेतन देता है।

3. ग्रेड बी (B)

ग्रेड बी में उन खिलाड़ियों को शामिल किया जाता है जो भारतीय टीम के नियमित सदस्य होते हैं, लेकिन ग्रेड ए की सूची में नहीं आते। इन्हें बीसीसीआई से प्रति वर्ष 3 करोड़ रुपये का वेतन प्राप्त होता है।

4. ग्रेड सी (C)

इस ग्रेड में वे खिलाड़ी शामिल होते हैं जो टीम इंडिया के लिए खेलते हैं, लेकिन उनकी उपस्थिति सीमित होती है या वे उभरते हुए खिलाड़ी होते हैं। इसके अलावा, जो खिलाड़ी फिलहाल भारतीय टीम से बाहर हैं लेकिन अभी भी सक्रिय हैं, वे भी इस ग्रेड में शामिल होते हैं। इस ग्रेड के खिलाड़ियों को बीसीसीआई द्वारा 1 करोड़ रुपये सालाना दिया जाता है।

मैच फीस का भी मिलता है भुगतान

सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट के तहत मिलने वाले वार्षिक वेतन के अलावा, खिलाड़ियों को उनके खेले गए मैचों के आधार पर भी भुगतान किया जाता है। इसके तहत:

  • टेस्ट मैच खेलने के लिए खिलाड़ियों को अतिरिक्त मैच फीस दी जाती है।

  • वनडे मैच में खेलने वाले खिलाड़ियों को भी तय फीस मिलती है।

  • टी20 इंटरनेशनल मैचों के लिए अलग से भुगतान किया जाता है।

संभावित बदलाव की उम्मीद

यह जानकारी बीसीसीआई के पिछले सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर दी गई है। इस बार अगर बीसीसीआई अपनी पॉलिसी में कोई बदलाव करता है, तो इसकी जानकारी औपचारिक घोषणा के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। अब देखना यह होगा कि नए सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट में कौन से खिलाड़ी अपनी जगह बनाए रखते हैं और किन नए चेहरों को इसमें शामिल किया जाता है।