भारतीय क्रिकेट टीम में नंबर-3 का स्थान हमेशा से ही महत्वपूर्ण रहा है, खासकर टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में और यह वह स्थान है जहां बल्लेबाज पारी को गति दे सकता है, शुरुआती झटकों के बाद पारी को संभाल सकता है, या फिर बड़े स्कोर की नींव रख सकता है। भारतीय टीम के लिए विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, सुरेश रैना और युवराज सिंह जैसे कई दिग्गजों ने इस स्थान पर अपनी बल्लेबाजी का जौहर दिखाया है। इन बल्लेबाजों ने न केवल रन बनाए हैं, बल्कि कई यादगार पारियां भी खेली हैं, जिन्होंने टीम को जीत दिलाई है और आइए जानते हैं कि भारत के लिए नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए किन बल्लेबाजों ने सबसे ज्यादा रन बनाए हैं और कैसे उन्होंने इस स्थान को अपनी पहचान दी है।
विराट कोहली का अटूट रिकॉर्ड
टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड 'किंग कोहली' के नाम है और विराट कोहली ने भारतीय टीम के लिए 83 टी20 इंटरनेशनल मैचों में नंबर-3 पर बल्लेबाजी की है, और इस दौरान उन्होंने कुल 3076 रन बनाए हैं। यह आंकड़ा उनकी निरंतरता और इस फॉर्मेट में उनकी महारत को दर्शाता है। कोहली ने इस स्थान पर बल्लेबाजी करते हुए 32 अर्धशतक भी लगाए हैं,। जो उनकी मैच-विनिंग क्षमता और दबाव में प्रदर्शन करने की काबिलियत का प्रमाण है। उनकी बल्लेबाजी शैली, जिसमें क्लासिक शॉट्स और बेहतरीन रनिंग बिटवीन द विकेट्स शामिल है, ने उन्हें इस स्थान पर एक अद्वितीय खिलाड़ी बनाया है। उन्होंने कई बार टीम को मुश्किल परिस्थितियों से निकाला है और बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए अहम भूमिका निभाई है।
सूर्यकुमार यादव की आक्रामक शैली
सूर्यकुमार यादव, जिन्हें 'मिस्टर 360' के नाम से भी जाना जाता है, ने भारतीय टीम। के लिए नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए अपनी आक्रामक शैली से गहरी छाप छोड़ी है। उन्होंने 32 टी20 इंटरनेशनल मैचों में इस स्थान पर बल्लेबाजी की है और कुल 856 रन बनाए हैं। सूर्यकुमार की बल्लेबाजी की खासियत उनकी अपरंपरागत शॉट्स और मैदान के चारों ओर रन बनाने की क्षमता है। उन्होंने इस दौरान एक शतक और 6 अर्धशतक लगाए हैं, जो उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी का प्रमाण है। उनकी मौजूदगी से मध्यक्रम को मजबूती मिलती है और वह किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त करने की क्षमता रखते हैं। सूर्यकुमार ने अपनी तेजतर्रार पारियों से कई बार मैच का। रुख पलटा है और टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाया है।
सुरेश रैना का महत्वपूर्ण योगदान
सुरेश रैना भारतीय टीम के लिए नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए सबसे ज्यादा टी20 इंटरनेशनल रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में तीसरे नंबर पर हैं। उन्होंने इस स्थान पर बल्लेबाजी करते हुए कुल 791 रन बनाए हैं और रैना अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और बेहतरीन फील्डिंग के लिए जाने जाते थे। उन्होंने नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए एक शतक और पांच अर्धशतक लगाए हैं। रैना ने भारतीय टी20 टीम के शुरुआती दौर में इस स्थान पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जब टीम इस फॉर्मेट में अपनी पहचान बना रही थी। उनकी क्षमता थी कि वे तेजी से रन बना सकें और स्पिनरों के खिलाफ प्रभावी साबित हों, जिससे मध्यक्रम को स्थिरता मिलती थी।
श्रेयस अय्यर का प्रदर्शन
श्रेयस अय्यर ने भी भारतीय टीम के लिए नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। वह इस सूची में चौथे नंबर पर हैं, जिन्होंने नंबर-3 पर। बल्लेबाजी करते हुए टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में कुल 530 रन बनाए हैं। अय्यर ने इस दौरान चार अर्धशतक लगाए हैं। उनकी बल्लेबाजी में संयम और आक्रामकता का अच्छा मिश्रण देखने को मिलता है। वह पारी को संभालने और जरूरत पड़ने पर तेजी से रन बनाने की क्षमता रखते हैं। अय्यर ने कई मौकों पर टीम को संकट से उबारा है और मध्यक्रम को मजबूती प्रदान की है। उनकी तकनीक और स्पिन के खिलाफ खेलने की क्षमता उन्हें इस स्थान के लिए एक उपयुक्त विकल्प बनाती है।
युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा ने भारतीय टीम के लिए टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। उन्होंने अब तक 15 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं और इस स्थान पर बल्लेबाजी करते हुए कुल 469 रन बनाए हैं। तिलक वर्मा ने इस दौरान दो शतक और दो अर्धशतक लगाए हैं, जो उनके उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। उनकी निडर बल्लेबाजी और बड़े शॉट्स खेलने की क्षमता उन्हें एक रोमांचक prospect बनाती है। तिलक ने कम समय में ही अपनी छाप छोड़ी है और उम्मीद है कि वह आने वाले समय में भारतीय टीम के लिए नंबर-3 पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनेंगे। उनकी युवा ऊर्जा और आत्मविश्वास टीम के लिए एक बड़ा प्लस पॉइंट है।
तिलक वर्मा का उभरता सितारा
इन सभी बल्लेबाजों ने भारतीय टी20 इंटरनेशनल टीम के लिए नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विराट कोहली का रिकॉर्ड जहां उनकी निरंतरता और महानता को दर्शाता है, वहीं सूर्यकुमार यादव की आक्रामक शैली, सुरेश रैना का अनुभव, श्रेयस अय्यर का संतुलन और तिलक वर्मा का उभरता सितारा इस बात का प्रमाण है कि भारत के पास इस महत्वपूर्ण स्थान के लिए हमेशा से ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी रहे हैं। यह स्थान टीम की सफलता में अहम भूमिका निभाता है और इन खिलाड़ियों ने इसे बखूबी निभाया है।