कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपनी मौजूदा विदेश यात्रा के दौरान एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा हमला बोला है और जर्मनी के बर्लिन में हर्टी स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, राहुल गांधी ने भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और संवैधानिक संस्थाओं की स्थिति पर गंभीर चिंताएं व्यक्त कीं। उन्होंने अपने पुराने आरोपों को दोहराया कि बीजेपी देश की महत्वपूर्ण संस्थाओं। पर कब्जा कर रही है, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं कमजोर हो रही हैं।
संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जे का आरोप
राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा कि बीजेपी ने भारत में ऐसा माहौल बना दिया। है जहां संवैधानिक संस्थाएं अपनी स्वायत्तता और निष्पक्षता के साथ काम नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी इन संस्थाओं को अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल कर रही है, जिससे उनकी विश्वसनीयता और कार्यप्रणाली पर गहरा असर पड़ रहा है। यह आरोप भारत के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि संस्थाओं की स्वतंत्रता किसी भी मजबूत लोकतंत्र की आधारशिला होती है। राहुल गांधी के अनुसार, इस कब्जे से देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सीधा हमला हो रहा है, जो भारत के भविष्य के लिए चिंताजनक है।
चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए, राहुल गांधी ने भारत की चुनाव प्रक्रिया पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने 'वोट चोरी' के आरोपों को दोहराया और दावा किया कि कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव जीता था। उन्होंने इस संदर्भ में चुनाव आयोग से सीधे सवाल पूछने का जिक्र किया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उन्हें चुनाव आयोग से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। यह बयान चुनाव आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है, जो भारत जैसे बड़े लोकतंत्र में चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। राहुल गांधी के अनुसार, यदि चुनाव प्रक्रिया में ही पारदर्शिता और निष्पक्षता का अभाव हो, तो यह लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा है।
ED और CBI का राजनीतिक हथियार के रूप में उपयोग
राहुल गांधी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत का संस्थागत ढांचा पूरी तरह से बीजेपी के कब्जे में है और इन खुफिया एजेंसियों को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि ED और CBI के पास बीजेपी के खिलाफ 'ज़ीरो मामले' हैं, जबकि ज़्यादातर राजनीतिक मामले उन लोगों के खिलाफ हैं जो बीजेपी का विरोध करते हैं। राहुल गांधी ने एक उदाहरण भी दिया कि यदि कोई व्यवसायी कांग्रेस का समर्थन करने की कोशिश करता है, तो उसे धमकी दी जाती है और उनके अनुसार, बीजेपी भारत के संस्थागत ढांचे का इस्तेमाल राजनीतिक शक्ति बनाने के लिए एक उपकरण के रूप में करती है, और उन्होंने बीजेपी के पास उपलब्ध धन और विपक्ष के पास उपलब्ध धन के बीच के भारी अंतर की ओर भी इशारा किया। यह आरोप एजेंसियों की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाता है और विपक्ष को दबाने के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का संकेत देता है।
कांग्रेस नेता ने इस स्थिति को 'लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला' करार दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस हमले का मुकाबला करने के लिए नए तरीके खोजने होंगे। राहुल गांधी ने घोषणा की कि कांग्रेस इन संस्थाओं पर बीजेपी के कब्जे के खिलाफ 'प्रतिरोध का एक सिस्टम' बनाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस केवल बीजेपी से नहीं लड़ रही है, बल्कि भारतीय संस्थागत ढांचे पर उनके कब्जे से लड़ रही है। यह बयान कांग्रेस की भविष्य की रणनीति को दर्शाता है, जिसमें वे केवल चुनावी लड़ाई से परे जाकर लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा के लिए एक व्यापक आंदोलन खड़ा करने की बात कर रहे हैं।
INDIA गठबंधन और RSS की विचारधारा
जब राहुल गांधी से INDIA गठबंधन की पार्टियों के राज्य और स्थानीय चुनावों में एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने के बारे में सवाल पूछा गया, तो उन्होंने इस पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने स्वीकार किया कि INDIA गठबंधन की सभी पार्टियां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की मूल विचारधारा से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे आरएसएस की विचारधारा के सवाल पर एकजुट। हैं, लेकिन उनके बीच रणनीतिक मुकाबले हैं, और वे जारी रहेंगे। राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि वे संसद में एकजुट हैं और उन कानूनों पर बीजेपी का मुकाबला करेंगे जिनसे वे असहमत हैं। उन्होंने इस लड़ाई को केवल चुनावों से कहीं ज़्यादा गहरा बताया। उनके अनुसार, यह भारत के एक वैकल्पिक दृष्टिकोण के लिए लड़ाई है, जहां बीजेपी संविधान और राज्यों, भाषाओं और धर्मों के बीच समानता को खत्म करने की कोशिश कर रही है। यह बयान INDIA गठबंधन की आंतरिक गतिशीलता और उनके साझा उद्देश्यों को स्पष्ट करता है, जो केवल सत्ता हासिल करने से कहीं अधिक, देश के संवैधानिक मूल्यों की रक्षा पर केंद्रित है।
भारत के वैकल्पिक दृष्टिकोण की लड़ाई
राहुल गांधी ने अपने संबोधन के अंत में इस बात पर जोर दिया कि यह लड़ाई केवल राजनीतिक सत्ता के लिए नहीं है, बल्कि भारत के भविष्य के लिए एक वैकल्पिक दृष्टिकोण स्थापित करने की है और उन्होंने कहा कि बीजेपी संविधान को कमजोर करने और भारत की विविधता में निहित समानता के सिद्धांतों को नष्ट करने का प्रयास कर रही है। उनके अनुसार, यह लड़ाई भारत के संघीय ढांचे, विभिन्न भाषाओं और धर्मों के बीच सौहार्द और समानता को बनाए रखने के लिए है। राहुल गांधी का यह बयान भारत की बहुलवादी पहचान और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।