आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी (आईसीआईसीआई प्रू एएमसी) का बहुप्रतीक्षित आईपीओ 12 दिसंबर को निवेशकों के लिए खुल गया है। यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के माध्यम से लाया गया है, जिसमें प्रूडेंशियल कॉर्पोरेशन अपने कुछ शेयर बेच रही है। आईसीआईसीआई प्रू एएमसी में आईसीआईसीआई बैंक की 51 फीसदी हिस्सेदारी है, और प्री-आईपीओ राउंड में भागीदारी के बाद आईसीआईसीआई बैंक की हिस्सेदारी में 2 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे कंपनी में उसकी पकड़ और मजबूत होगी। यह आईपीओ ऐसे समय में आया है जब भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग अभूतपूर्व वृद्धि का अनुभव कर रहा है, जो निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है।
म्यूचुअल फंड उद्योग में उछाल
भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग वर्तमान में एक महत्वपूर्ण विस्तार के दौर से गुजर रहा है। आईसीआईसीआई प्रू एएमसी का आईपीओ ऐसे समय में आ रहा है जब यह उद्योग नई ऊंचाइयों को छू रहा है, जो देश की वित्तीय परिदृश्य में इसकी बढ़ती प्रमुखता को दर्शाता है। आईसीआईसीआई प्रू एएमसी भारत की दूसरी सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी है, जो बाजार में अपनी मजबूत स्थिति और व्यापक पहुंच को रेखांकित करती है। कंपनी ने अपने आईपीओ में शेयरों की कीमत सूचीबद्ध प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की तुलना में कम रखी है, जिससे यह लंबी। अवधि के निवेशकों के लिए एक आकर्षक प्रस्ताव बन गया है, जो भविष्य में अच्छे मुनाफे की उम्मीद कर सकते हैं। यह रणनीतिक मूल्य निर्धारण निवेशकों को आकर्षित करने और आईपीओ को सफल बनाने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारत में म्यूचुअल फंड की पहुंच
भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग ने पिछले दशक में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है और 30 नवंबर, 2015 को उद्योग का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 12. 95 लाख करोड़ रुपये था, जो 30 नवंबर, 2025 को बढ़कर 80. 80 लाख करोड़ रुपये हो गया है और यह वृद्धि उद्योग की मजबूत गति और निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड उत्पादों की बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाती है। हालांकि, देश में म्यूचुअल फंड की पहुंच अभी भी अपेक्षाकृत कम है। एयूएम और जीडीपी का अनुपात केवल 20 फीसदी है, जबकि वैश्विक औसत 64 फीसदी है। यह आंकड़ा भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग के लिए भविष्य की वृद्धि की अपार संभावनाओं को उजागर करता है, क्योंकि यह वैश्विक मानकों के करीब पहुंचने का प्रयास करता है।
बाजार में प्रमुख खिलाड़ी
सितंबर 2025 तक, भारत में 49 म्यूचुअल फंड हाउस सक्रिय थे, जो एक प्रतिस्पर्धी बाजार को दर्शाता है और हालांकि, इस बाजार का एक बड़ा हिस्सा बैंकों की अगुवाई वाली तीन बड़ी एएमसी कंपनियों के कब्जे में है। इन प्रमुख खिलाड़ियों की संयुक्त बाजार हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2022 से लगभग 40 फीसदी पर स्थिर बनी हुई है, जो बाजार में उनके प्रभुत्व को दर्शाता है। आईसीआईसीआई प्रू एएमसी इन प्रमुख खिलाड़ियों में से एक है, जिसका एयूएम 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक है और वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में इसकी बाजार हिस्सेदारी 13. 2 फीसदी थी, जो इसकी महत्वपूर्ण उपस्थिति को दर्शाता है। कंपनी सबसे ज्यादा स्कीम मैनेज करती है, जिसकी कुल 143। स्कीम हैं, जो विभिन्न निवेशक आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।
इक्विटी फंड्स और एसआईपी का योगदान
आईसीआईसीआई प्रू एएमसी के कुल फंड्स में इक्विटी और इक्विटी आधारित फंड्स की हिस्सेदारी 55. 8 फीसदी है, जो उद्योग के औसत 54. 2 फीसदी से थोड़ी अधिक है। इक्विटी एसेट्स से डेट फंड्स के मुकाबले ज्यादा मैनेजमेंट फीस (टीईआर) जेनरेट होती है, जिससे कंपनी की लाभप्रदता बढ़ती है और इक्विटी फंड की ज्यादा हिस्सेदारी की वजह से इसका इनवेस्टर बेस भी बड़ा है, जो कंपनी के लिए एक स्थिर आय स्रोत सुनिश्चित करता है। कंपनी की सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) बुक वित्त वर्ष 2023-25 के बीच 29 फीसदी सीएजीआर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ी है, जो निवेशकों के बीच एसआईपी की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है और सितंबर 2025 में, कंपनी के पास एसआईपी से मासिक 4,800 करोड़ रुपये का इनफ्लो आ रहा था, जो इसकी मजबूत खुदरा भागीदारी का प्रमाण है।
विविध सेवाएं और वित्तीय ताकत
म्यूचुअल फंड व्यवसाय के अलावा, आईसीआईसीआई प्रू एएमसी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (पीएमएस), अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ) और ऑफशोर क्लाइंट्स के लिए एडवायजरी सर्विसेज में भी सक्रिय है और कंपनी स्पेशियलाइज्ड इनवेस्टमेंट फंड्स (एसआईएफ) लॉन्च करने की भी योजना बना रही है, जिससे इसकी उत्पाद पेशकश और राजस्व धाराएं और अधिक विविध होंगी। यह कंपनी कई मामलों में प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से आगे है। पिछले तीन साल में कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) 70 फीसदी से ज्यादा रहा है, जो इसकी उत्कृष्ट वित्तीय दक्षता और शेयरधारक मूल्य बनाने की क्षमता को दर्शाता है और भारत में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की तेज ग्रोथ जारी रहने की संभावना है, जो आईसीआईसीआई प्रू एएमसी जैसे स्थापित खिलाड़ियों के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करती है। पैसिव फंड्स की फीस एक्टिव फंड्स के मुकाबले काफी कम है, और उद्योग के कुल एयूएम में पैसिव फंड्स की हिस्सेदारी नवंबर 2022 से करीब 16 फीसदी बनी हुई है।
आईसीआईसीआई प्रू एएमसी की वैल्यूएशन पी/ई मल्टीपल के लिहाज से एचडीएफसी एएमसी के मुकाबले 13-15 फीसदी कम है, जो इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाता है और आईसीसीआईसी प्रू की प्रॉफिट कमाने की क्षमता भी बेहतर है। वित्त वर्ष 2025 में आईसीआईसीआई प्रू एएमसी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट बिफोर टैक्स (ओपीटी) 3,236 करोड़ रुपये था, जो एचडीएफसी एएमसी के मुकाबले 19 फीसदी ज्यादा है। यह कंपनी की मजबूत परिचालन दक्षता और लाभप्रदता को दर्शाता है। इनवेस्टर्स लंबी अवधि के साथ ही लिस्टिंग गेंस के लिए भी इस इश्यू में निवेश कर सकते हैं और कंपनी ने शेयर के लिए प्राइस बैंड 2,061-2,165 रुपये रखा है। उद्योग की मजबूत वृद्धि की संभावनाओं, कंपनी की बाजार में अग्रणी स्थिति, कुशल प्रबंधन और आकर्षक मूल्यांकन को देखते हुए, आईसीआईसीआई प्रू एएमसी का आईपीओ निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर प्रस्तुत करता है।
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