Haryana: धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक बार फिर हरियाणा के भिवानी में चौधरी बंसीलाल सिविल अस्पताल सवालों के घेरे में है। लापरवाही भी ऐसी कि बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। जिसके बाद परिवार ने जमकर हंगामा मचाया। उनकी लापरवाही को देखकर सीएमओ ने जल्दबाजी में जांच कमेटी गठित की है।
बताया जा रहा है कि गांव रानीला की एक बुजुर्ग महिला भतेरी के घर में गिर गई और चोटिल हो गई। जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए भिवानी की चौ। बंसीलाल नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।परिजनों का कहना है कि भटेरी के दाहिने कूल्हे में चोट थी और उसका ऑपरेशन करना पड़ा था, लेकिन डॉक्टरों ने दाहिने की बजाय बाएं कूल्हे का ऑपरेशन किया और 15,000 रुपये की लागत आई। सुखबीर के बेटे सुखबीर और पोती मनीषा ने कहा कि यह पता चलने के बाद, भटेरी के डॉक्टरों ने जल्दबाजी में एक निजी कमरा दिया और मुफ्त दाहिने कूल्हे का ऑपरेशन किया।परिवार के सदस्यों का कहना है कि अगर डॉक्टरों की गलती नहीं होती, तो डॉक्टरों ने भटेरी देवी को मुफ्त में निजी कमरा नहीं दिया होता और फिर से मुफ्त में ऑपरेशन नहीं किया होता। परिजनों ने सीएमओ और स्वास्थ्य मंत्री से न्याय की मांग की है। परिवार के हंगामे और मीडिया तक बात पहुंचने के बाद सीएमओ डॉ। सपना गहलावत ने पीएमओ डॉ। रघुबीर सांडिल्य के नेतृत्व में एक जांच समिति का गठन किया है।सीएमओ डॉक्टर सपना गहलावत का कहना है कि प्राथमिक जांच में भटेरी के दोनों कूल्हों में फ्रैक्चर का पता चला है, फिर भी अगर जांच के दौरान किसी की भी लापरवाही पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी। यह पहला मामला नहीं है जब चौधरी बंसीलाल सिविल अस्पताल पर सवाल उठाए गए हैं। वहीं, महिला और उसका परिवार न्याय का इंतजार कर रहा है।
बताया जा रहा है कि गांव रानीला की एक बुजुर्ग महिला भतेरी के घर में गिर गई और चोटिल हो गई। जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए भिवानी की चौ। बंसीलाल नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।परिजनों का कहना है कि भटेरी के दाहिने कूल्हे में चोट थी और उसका ऑपरेशन करना पड़ा था, लेकिन डॉक्टरों ने दाहिने की बजाय बाएं कूल्हे का ऑपरेशन किया और 15,000 रुपये की लागत आई। सुखबीर के बेटे सुखबीर और पोती मनीषा ने कहा कि यह पता चलने के बाद, भटेरी के डॉक्टरों ने जल्दबाजी में एक निजी कमरा दिया और मुफ्त दाहिने कूल्हे का ऑपरेशन किया।परिवार के सदस्यों का कहना है कि अगर डॉक्टरों की गलती नहीं होती, तो डॉक्टरों ने भटेरी देवी को मुफ्त में निजी कमरा नहीं दिया होता और फिर से मुफ्त में ऑपरेशन नहीं किया होता। परिजनों ने सीएमओ और स्वास्थ्य मंत्री से न्याय की मांग की है। परिवार के हंगामे और मीडिया तक बात पहुंचने के बाद सीएमओ डॉ। सपना गहलावत ने पीएमओ डॉ। रघुबीर सांडिल्य के नेतृत्व में एक जांच समिति का गठन किया है।सीएमओ डॉक्टर सपना गहलावत का कहना है कि प्राथमिक जांच में भटेरी के दोनों कूल्हों में फ्रैक्चर का पता चला है, फिर भी अगर जांच के दौरान किसी की भी लापरवाही पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी। यह पहला मामला नहीं है जब चौधरी बंसीलाल सिविल अस्पताल पर सवाल उठाए गए हैं। वहीं, महिला और उसका परिवार न्याय का इंतजार कर रहा है।
