AMAR UJALA : May 29, 2020, 04:18 PM
दिल्ली: 24 मार्च 2020 को पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को खत्म हो जाएगा। पिछली बार मिली रियायतों के मद्देनजर संभावना जताई जा रही है कि 31 मई के बाद शायद लॉकडाउन में और भी कई तरह की छूट दे दी जाए। अगर ऐसा होता है तो कोविड-19 के मामलों में बेतहाशा वृद्धि होगी और साल के अंत तक देश की आधी आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाएगी, ऐसा कहना है वरिष्ठ विषाणु वैज्ञानिक डॉक्टर वी. रवि का।
भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था, इसके बाद इस महामारी को रोकने के लिए भारत ने कई कदम उठाए हैं। भारत ने कोरोना वायरस संक्रमण को टेस्ट करने की अपनी क्षमता को बढ़ाया और महामारी रोकने के लिए लोगों की भीड़ भाड़ को रोकने के लिए एक अरब से ज्यादा लोगों को अपने घरों में रोक दिया। सड़क, रेल और हवाई मार्ग से यातायात सेवाएं निलंबित कर दीं, लेकिन अब धीरे-धीरे सारी चीजें दोबारा पटरी पर लौट रही हैं, अगर कुछ ठीक नहीं हो रहा तो वो है कोरोना वायरस का प्रसार और प्रभाव।
लॉकडाउन की वजह से कम थी संक्रमण दरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस (निमहंस) में न्यूरोवायरोलॉजी के प्रमुख डॉक्टर वी रवि की मानें तो देश में संक्रमण की रफ्तार सिर्फ लॉकडाउन की वजह से ही धीमी थी, लेकिन आने वाले दिन बदतर हो सकते हैं। डॉ. रवि ने कि अब हमें कोरोना वायरस के साथ जीना सीखना होगा। वह कहते हैं, गैर-कोविड-19 संबंधित कारणों से अधिक लोगों की मृत्यु हो सकती है। उन्होंने कहा कि H1N1 से मृत्यु दर 6 फीसदी से अधिक थी, लेकिन लॉकडाउन की आवश्यकता नहीं पड़ी, क्योंकि कुछ साल पहले इस तरह की दहशत पैदा करने के लिए सोशल मीडिया नहीं था।कर्नाटक दूसरे राज्यों से बेहतर कर रहारवि कर्नाटक में कोविड-19 विशेषज्ञ समिति के प्रमुख भी हैं। बकौल रवि कर्नाटक ने अन्य राज्यों की अपेक्षा कोरोना वायरस से निपटने के लिए बेहतर काम किया है। वर्तमान में राज्यभर में कम से कम 1.1 लाख लोग संस्थागत क्वारंटीन केंद्रों में पंजीकृत हैं क्योंकि राज्य सरकार ने कर्नाटक में प्रवेश करने वाले लोगों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है। कर्नाटक सरकार ने केंद्र से महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और राजस्थान से आने वाले विमानों की संख्या कम करने की मांग भी की है। सरकार ने कहा कि इन पांच राज्यों से आने वाले बड़ी संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात से सड़क मार्ग के जरिए कर्नाटक में आने पर लगी पाबंदी भी जारी रहेगी।
एशिया में सबसे ज्यादा मरीज भारत मेंकोरोना वायरस भले ही चीन से निकला हो, लेकिन अब पूरे एशिया में सर्वाधिक मामले भारत से हैं। ढील वाले लॉकडाउन 4.0 के 10 दिन में ही 60 हजार मरीज मिले, जिसमें 31, 720 ठीक भी हो गए। गुरुवार यानी 28 मई को सर्वाधिक 7 हजार 135 नए मरीज मिले। इस तरह भारत कोरोना वायरस महामारी के सर्वाधिक मरीज वाले देशों की गिनती में नौंवे क्रम पर पहुंच चुका है।
भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था, इसके बाद इस महामारी को रोकने के लिए भारत ने कई कदम उठाए हैं। भारत ने कोरोना वायरस संक्रमण को टेस्ट करने की अपनी क्षमता को बढ़ाया और महामारी रोकने के लिए लोगों की भीड़ भाड़ को रोकने के लिए एक अरब से ज्यादा लोगों को अपने घरों में रोक दिया। सड़क, रेल और हवाई मार्ग से यातायात सेवाएं निलंबित कर दीं, लेकिन अब धीरे-धीरे सारी चीजें दोबारा पटरी पर लौट रही हैं, अगर कुछ ठीक नहीं हो रहा तो वो है कोरोना वायरस का प्रसार और प्रभाव।
लॉकडाउन की वजह से कम थी संक्रमण दरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस (निमहंस) में न्यूरोवायरोलॉजी के प्रमुख डॉक्टर वी रवि की मानें तो देश में संक्रमण की रफ्तार सिर्फ लॉकडाउन की वजह से ही धीमी थी, लेकिन आने वाले दिन बदतर हो सकते हैं। डॉ. रवि ने कि अब हमें कोरोना वायरस के साथ जीना सीखना होगा। वह कहते हैं, गैर-कोविड-19 संबंधित कारणों से अधिक लोगों की मृत्यु हो सकती है। उन्होंने कहा कि H1N1 से मृत्यु दर 6 फीसदी से अधिक थी, लेकिन लॉकडाउन की आवश्यकता नहीं पड़ी, क्योंकि कुछ साल पहले इस तरह की दहशत पैदा करने के लिए सोशल मीडिया नहीं था।कर्नाटक दूसरे राज्यों से बेहतर कर रहारवि कर्नाटक में कोविड-19 विशेषज्ञ समिति के प्रमुख भी हैं। बकौल रवि कर्नाटक ने अन्य राज्यों की अपेक्षा कोरोना वायरस से निपटने के लिए बेहतर काम किया है। वर्तमान में राज्यभर में कम से कम 1.1 लाख लोग संस्थागत क्वारंटीन केंद्रों में पंजीकृत हैं क्योंकि राज्य सरकार ने कर्नाटक में प्रवेश करने वाले लोगों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है। कर्नाटक सरकार ने केंद्र से महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और राजस्थान से आने वाले विमानों की संख्या कम करने की मांग भी की है। सरकार ने कहा कि इन पांच राज्यों से आने वाले बड़ी संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात से सड़क मार्ग के जरिए कर्नाटक में आने पर लगी पाबंदी भी जारी रहेगी।
एशिया में सबसे ज्यादा मरीज भारत मेंकोरोना वायरस भले ही चीन से निकला हो, लेकिन अब पूरे एशिया में सर्वाधिक मामले भारत से हैं। ढील वाले लॉकडाउन 4.0 के 10 दिन में ही 60 हजार मरीज मिले, जिसमें 31, 720 ठीक भी हो गए। गुरुवार यानी 28 मई को सर्वाधिक 7 हजार 135 नए मरीज मिले। इस तरह भारत कोरोना वायरस महामारी के सर्वाधिक मरीज वाले देशों की गिनती में नौंवे क्रम पर पहुंच चुका है।