India-America Relations / US उप विदेश मंत्री और विक्रम मिसरी के बीच हुई वार्ता, क्षेत्रीय स्थिरता पर भी हुई चर्चा

विदेश सचिव विक्रम मिसरी अमेरिका दौरे पर हैं, जहां उन्होंने उप विदेश मंत्री क्रिस्टोफर लैंडाउ से मुलाकात की। बैठक में क्षेत्रीय शांति, तकनीक, व्यापार, और प्रतिभा के क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

India-America Relations: विदेश सचिव विक्रम मिसरी इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने अमेरिका के उप विदेश मंत्री क्रिस्टोफर लैंडाउ से महत्वपूर्ण मुलाकात की। यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी वर्ष हुए अमेरिका दौरे के फॉलो-अप के रूप में हो रही है, जो दोनों देशों के बढ़ते कूटनीतिक संबंधों का प्रमाण है। इस उच्च स्तरीय बैठक में दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय स्थिरता, वैश्विक शांति और द्विपक्षीय सहयोग को नई दिशा देने पर गहन चर्चा की।

साझा प्राथमिकताओं पर केंद्रित बातचीत

वाशिंगटन डी.सी. स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर जानकारी देते हुए बताया कि यह मिसरी और लैंडाउ की वाशिंगटन में पहली मुलाकात थी। बैठक में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय एजेंडे और साझा प्राथमिकताओं पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ। दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने सहमति जताई कि तकनीक, व्यापार और प्रतिभा का मेल 21वीं सदी में भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।

रणनीतिक साझेदारी को मिलेगा बल

भारत और अमेरिका के संबंध पिछले कुछ वर्षों में केवल कूटनीतिक दायरे तक सीमित नहीं रहे, बल्कि यह रणनीतिक, तकनीकी, सैन्य और आर्थिक सहयोग में भी गहराते जा रहे हैं। मिसरी और लैंडाउ की इस बैठक में दोनों पक्षों ने ‘व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी’ को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। इसका सीधा संकेत यह है कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच उच्च प्रौद्योगिकी, रक्षा, ऊर्जा, और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में सहयोग और गहरा होगा।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने इस बैठक को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि भारत और अमेरिका की घनिष्ठ साझेदारी 21वीं सदी के लिए अमेरिकी विदेश नीति का एक प्रमुख स्तंभ है। उन्होंने बताया कि दोनों प्रतिनिधियों ने न केवल क्षेत्रीय शांति बनाए रखने की अपनी साझा इच्छा को दोहराया, बल्कि निष्पक्ष और पारस्परिक बाजार पहुंच के महत्व को भी रेखांकित किया। इसके अलावा, प्रवासन, मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद जैसे वैश्विक मुद्दों पर सहयोग को और सशक्त बनाने की बात भी चर्चा में शामिल रही।

एक साझेदारी जो भविष्य गढ़ रही है

विक्रम मिसरी की यह यात्रा दर्शाती है कि भारत और अमेरिका अपने संबंधों को केवल औपचारिक मंचों तक सीमित नहीं रख रहे, बल्कि उन्हें प्रभावी और परिणामोन्मुखी साझेदारी में बदलने की दिशा में अग्रसर हैं। दोनों देशों के बीच विश्वास, पारस्परिक सम्मान और साझा वैश्विक दृष्टिकोण, इस रणनीतिक रिश्ते को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान देने की ओर बढ़ा रहे हैं।