IND vs AUS 5th T20 / ब्रिसबेन में भारत के पास सीरीज जीतने और ऑस्ट्रेलिया से बदला लेने का सुनहरा मौका

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टी20 सीरीज का निर्णायक मुकाबला ब्रिसबेन के गाबा स्टेडियम में खेला जाएगा। टीम इंडिया 2-1 की बढ़त के साथ सीरीज जीतने और ऑस्ट्रेलिया को उसके गढ़ में हराने के लिए तैयार है। यह मुकाबला भारत के लिए पुरानी हार का बदला लेने का भी अवसर है।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टी20 सीरीज अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गई है और ब्रिसबेन के प्रतिष्ठित गाबा स्टेडियम में शनिवार, 8 नवंबर को इस रोमांचक सीरीज का पांचवां और निर्णायक मुकाबला खेला जाना है। टीम इंडिया इस समय 2-1 की बढ़त के साथ आत्मविश्वास से भरी हुई है और उसका लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर हराकर सीरीज अपने नाम करना है। यह सिर्फ सीरीज जीत नहीं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया से पुरानी हार का हिसाब बराबर करने का भी एक शानदार मौका है।

सीरीज का रोमांचक सफर

जिस तरह से भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच टी20 सीरीज की शुरुआत हुई थी, उससे यह अनुमान लगाना मुश्किल था कि टीम इंडिया आखिरी मैच तक सीरीज पर कब्जा करने के इतने करीब होगी। सीरीज का पहला मैच बारिश के कारण धुल गया था, जिसके बाद दूसरे टी20 में भारतीय टीम को करारी हार का सामना करना पड़ा था। इस हार के बाद टीम इंडिया के प्रदर्शन पर कई सवाल खड़े हो गए थे और हालांकि, टी20 वर्ल्ड चैंपियन भारतीय टीम ने अगले दो मुकाबलों में शानदार वापसी करते हुए लगातार जीत दर्ज की और सीरीज में 2-1 की महत्वपूर्ण बढ़त बना ली। अब कप्तान सूर्यकुमार यादव और उनकी टीम ब्रिसबेन में होने वाले आखिरी टी20 में सीरीज। जीतने के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया से पुराना हिसाब बराबर करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

गाबा में ऑस्ट्रेलिया का अभेद्य किला

भारत के लिए बदला लेने का मौका

ब्रिसबेन का गाबा स्टेडियम ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए एक अभेद्य किले के समान रहा है और अपने घर में किसी एक मैदान पर ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड सबसे अच्छा है तो वो ब्रिसबेन ही है। गाबा में ऑस्ट्रेलिया ने आज तक 8 टी20 मैच खेले हैं और इसमें से 7 में उसे शानदार जीत मिली है। उसे सिर्फ एक मुकाबले में हार मिली है और यह शिकस्त भी 12 साल पहले 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ आई थी और यह रिकॉर्ड दर्शाता है कि गाबा में ऑस्ट्रेलिया को हराना कितना मुश्किल है। भारतीय टीम के लिए गाबा का मैदान कुछ खास नहीं रहा है। टीम इंडिया ने यहां एकमात्र टी20 मैच जो खेला है, वह 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही था। उस मुकाबले में भारतीय टीम को डकवर्थ-लुइस नियम से 4 रन की करीबी हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में टीम इंडिया के पास इस निर्णायक मैच के जरिए ऑस्ट्रेलिया से उस पुरानी हार का बदला लेने का एक बेहतरीन मौका है। यदि भारतीय टीम ऐसा करने में सफल रहती है, तो वह न केवल सीरीज अपने नाम करेगी, बल्कि ऑस्ट्रेलिया के गढ़ में उसे मात देने का ऐतिहासिक कारनामा भी करेगी।

ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का खतरा

हालांकि, यह इतना आसान नहीं होने वाला है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया की टीम अपने घर में हमेशा खतरनाक साबित होती है। 7 साल पहले जो हार टीम इंडिया को मिली थी, उसमें ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर एडम जैम्पा ने अहम भूमिका निभाई थी और इस बार भी वह टीम का हिस्सा हैं और पिछले मैच में भी उन्होंने 3 महत्वपूर्ण विकेट झटके थे, जिससे भारतीय बल्लेबाजों को काफी परेशानी हुई थी। उनके अलावा, मार्कस स्टोइनिस और ग्लेन मैक्सवेल ने भी तब अहम योगदान दिया था और ये दोनों खिलाड़ी भी इस सीरीज का हिस्सा हैं। इन खिलाड़ियों की मौजूदगी भारतीय टीम के लिए खतरा कम नहीं करती है। और उन्हें रोकने के लिए भारतीय गेंदबाजों और बल्लेबाजों को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे।

भारतीय टीम के प्रमुख खिलाड़ियों पर नजर

भारतीय टीम के लिए टॉप ऑर्डर के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी एक बड़ी चिंता का कारण रही है। खास तौर पर शुभमन गिल की धीमी बल्लेबाजी और कप्तान सूर्यकुमार यादव का बड़ी पारी न खेल पाना इसमें सबसे अहम है और ऐसे में यह मैच दोनों खिलाड़ियों के लिए निजी तौर पर भी बेहद अहम हो सकता है, जहां उन्हें अपनी फॉर्म साबित करनी होगी। वहीं, इस सीरीज में अब तक बेअसर रहे तिलक वर्मा और जसप्रीत बुमराह भी निर्णायक मैच में कुछ असर डालना चाहेंगे और बुमराह के लिए खास तौर पर यह सीरीज कुछ खास नहीं रही है और वह 3 पारियों में सिर्फ 3 विकेट ले सके हैं। ऐसे में उनके पास एक अच्छा मौका है कि वह अपनी लय वापस पाएं और टीम को जीत दिलाएं।

इतना ही नहीं, एक और विकेट लेते ही बुमराह 100 टी20 इंटरनेशनल विकेट लेने। वाले सिर्फ दूसरे भारतीय गेंदबाज बन जाएंगे, जो उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। **संभावित प्लेइंग-11: कोई बदलाव नहीं? प्लेइंग-11 की बात करें तो टीम इंडिया कोई बड़ा बदलाव करेगी, इसकी उम्मीद कम ही दिखती है। सीरीज दांव पर है और ऐसे में लगातार 2 मैच जीतने वाले 11 खिलाड़ियों को ही मैदान पर उतारने से बेहतर विकल्प क्या हो सकता है। टीम प्रबंधन शायद विनिंग कॉम्बिनेशन के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहेगा। ऐसे में कुलदीप यादव, संजू सैमसन और हर्षित राणा की वापसी मुश्किल दिखती है, जबकि रिंकू सिंह के लिए पूरी सीरीज की तरह आखिरी मैच भी बेंच पर ही बीतने वाला है। भारतीय टीम अपनी मौजूदा रणनीति और खिलाड़ियों पर भरोसा जताते हुए सीरीज जीतने का प्रयास करेगी।