- भारत,
- 05-Jun-2025 10:20 AM IST
Shashi Tharoor: हाल ही में भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और उससे जुड़े कूटनीतिक प्रयासों के बीच, विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर "सरेंडर" का आरोप लगाकर नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया गया है। राहुल गांधी के इस बयान पर कांग्रेस नेता और वरिष्ठ राजनयिक शशि थरूर ने अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी से प्रतिक्रिया देते हुए इसे तथ्यों से परे बताया।
शशि थरूर का जवाब: “कभी मध्यस्थता की मांग नहीं की”
वाशिंगटन डीसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब शशि थरूर से पूछा गया कि भारत-पाक टकराव के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति की कथित मध्यस्थता की खबरें सामने आईं, तो उन्होंने स्पष्ट कहा, "हम सिर्फ इतना कह सकते हैं कि हमने कभी किसी से मध्यस्थता करने को नहीं कहा।" उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति के प्रति सम्मान जताया, लेकिन इस मुद्दे पर कांग्रेस की स्थिति को साफ करते हुए कहा कि भारत को किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं।
"अगर पाकिस्तान आतंक का ढांचा तोड़े, तभी बात संभव"
थरूर ने अपने जवाब में यह भी जोड़ा कि भारत हमेशा शांति के पक्ष में रहा है, लेकिन बातचीत तभी संभव है जब पाकिस्तान ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा, “अगर वे (पाकिस्तान) आतंकी ढांचे को खत्म करें और संबंध सुधारने के संकेत दें, तो हम उनसे सीधे बात कर सकते हैं — इसके लिए किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं।”
राहुल गांधी का बयान: ‘ट्रंप का फोन और मोदी का सरेंडर’
राहुल गांधी ने कांग्रेस के 'संगठन सृजन अभियान' की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 1971 में इंदिरा गांधी अमेरिका के दबाव में नहीं झुकीं, जबकि अब मोदी सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के एक फोन पर "झुक" गई। उन्होंने इसे भाजपा-आरएसएस की कथित कायरता बताते हुए कहा, “गांधी, नेहरू, पटेल ने कभी आत्मसमर्पण नहीं किया, लेकिन भाजपा-आरएसएस का इतिहास समर्पण पत्र लिखने का रहा है।”
बीजेपी का पलटवार: "सेना और देश का अपमान"
राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी ने कड़ा प्रतिवाद जताया। पार्टी के प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने इसे सशस्त्र बलों और देश के अपमान की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि "राहुल गांधी का बयान न केवल मोदी सरकार पर हमला है, बल्कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को कमजोर करने की कोशिश है।" उन्होंने राहुल की तुलना पाकिस्तान के नेताओं से करते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के सैन्य और आतंकवादी नेताओं से भी ज्यादा गैर-जिम्मेदार बयान दिया है।