दुनिया / सस्ती ब्रेड के लिए लंबी कतारें, पाक की तरह तुर्की में भी महंगाई ने किया बेहाल

Zoom News : Dec 15, 2021, 07:20 AM
तुर्की में रिकॉर्ड तोड़ महंगाई के चलते सस्ती ब्रेड खरीदने के लिए हर जगह लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रोसेप तैय्यप एर्दोगन की आर्थिक नीतियों के चलते देश में महंगाई काफी बढ़ गई है।

तुर्की की मुद्रा लीरा में भी ऐतिहासिक गिरावट हुई है। सोमवार को भी लीरा में डॉलर के मुकाबले सात फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इस समय एक डॉलर की कीमत 14.20 लीरा है। पिछले एक साल में डॉलर के मुकाबले लीरा 48 फीसदी तक गिर चुकी है। इससे देश में मुद्रास्फीति काफी बढ़ गई है। जिससे लोगों को भारी महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही एफएटीएफ की निगरानी सूची में होने के चलते तुर्की में विदेशी निवेश भी काफी कम हो गया है।

तुर्की की राष्ट्रीय मुद्रा लीरा में डॉलर के मुकाबले आई इस व्यापक गिरावट का एक सबसे प्रमुख कारण तुर्की के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कम ब्याज दर रखने की राष्ट्रपति की अपरंपरागत आर्थिक नीति है।

शर्ट से लेकर मोजे तक सबकुछ महंगा

महंगाई के चलते तुर्की के शहरों में सब्सिडी वाले ब्रेड लेने के लिए काफी लंबी कतारें लग रही हैं। सब्सिडी वाली दुकानों में 250 ग्राम के ब्रेड के पैकेट की कीमत 1.25 लीरा है। जबकि सामान्य दुकानों पर यह 2.50 लीरा में मिल रही है। एक दुकान के बाहर कतार में लगे सेवानिवृत्त कर्मी 71 वर्षीय नियाजी टोपार्क कहते हैं कि देश में खाने से लेकर ब्रेड, शर्ट से लेकर मोजे ते सब कुछ महंगा होता जा रहा है। टोपार्क ने बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद मुझे सामाजिक सुरक्षा के तहत हर माह 800 लीरा (56 डॉलर) मिलती है जो कि अकेले रहने के लिए पर्याप्त नहीं है। हमारे परिवार में चार सदस्य हैं और घर का किराया हर महीने 2,000 लीरा (140 डॉलर) देना पड़ता है। हम में से प्रत्येक एक दिन में कम से कम एक ब्रेड खाता है, इसलिए मैं यहां से चार ब्रेड खरीदने की योजना बना रहा हूं। क्योंकि आपको इन दिनों हर संभव तरीके से पैसे बचाने की जरूरत है।

मुद्रास्फीति की दर 21 फीसदी के पार

तुर्की में वार्षिक मुद्रास्फीति की दर 21 फीसदी को पार कर गई है। इस्तांबुल नगर पालिका के मेयर का पद वर्तमान में विपक्षी रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी के पास है। वहीं इसके मेयर एकरेम इमामोग्लू ने बताया है कि शहर में रहने की लागत में एक वर्ष में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। इस्तांबुल सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, गेहूं की कीमत में 109 प्रतिशत, सूरजमुखी के तेल में 137 प्रतिशत, टॉयलेट पेपर में 90 प्रतिशत, चीनी में 90 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस के 102 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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