रिश्ते / भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच अंतरिम व्यापार समझौता, पीएम मोदी बोले- यह हमारे आपसी विश्वास को दर्शाता है

Zoom News : Apr 02, 2022, 12:24 PM
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया टेक्सटाइल, चमड़ा, आभूषण व खेल उत्पादों समेत 95 फीसदी से ज्यादा वस्तुओं के लिए अपने बाजार में सीमा शुल्क मुक्त पहुंच प्रदान करेगा। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, इतने कम समय में इतने महत्वपूर्ण समझौते पर सहमति बनना, दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास को दर्शाता है। यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। 

पीएम मोदी ने कहा, "ये रिश्ते भारत-ऑस्ट्रेलिया मित्रता का महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, ये समझौता हमारे बीच छात्रों, प्रोफेशनल और पर्यटकों का आदान-प्रदान आसान बनाएगा। जिससे ये संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने आगे कहा, "हमारी अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक-दूसरे की आवश्यकताओं को पूरा करने की बहुत क्षमता है, मुझे विश्वास है कि इस समझौते से हम इन अवसरों का पूरा लाभ उठा पाएंगे। इस समझौते के आधार पर हम साथ मिलकर सप्लाई चेन का लचीलापन बढ़ाने और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता में भी योगदान कर पाएंगे।"

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि, हमने अपनी व्यापक, रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है। मेरी सरकार ने करीब 282 मिलियन डॉलर की नई पहल की घोषणा की है। यह हमारे बीच विस्तृत सहयोग को बढ़ावा देगा। 

भारत-ऑस्ट्रेलिया स्वाभाविक साझेदार

इस मौके पर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया स्वाभाविक साझेदार हैं, जो लोकतंत्र, कानून के शासन और पारदर्शिता के साझा मूल्यों से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि, दो भाईयों की तरह दोनों देशों ने कोरोना महामारी के समय एक दूसरी की मदद की है। उन्होंने कहा कि, हम अगले चार से पांच वर्षों में भारत में एक मिलियन रोजगार सृजन की उम्मीद करते हैं। आने वाले समय में भारतीय शेफ और योग प्रशिक्षकों के लिए कई नए अवसर खुलेंगे। 

भविष्य में व्यापार होगा दुगना 

पीयूष गोयल ने कहा कि, हम व्यापार बाधाओं को दूर कर रहे हैं जिससे भविष्य में व्यापार दोगुना हो जाएगा। अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 27 बिलियन डॉलर से लगभग 45-50 बिलियन डॉलर तक ले जाने की उम्मीद है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, ऑस्ट्रेलिया में एक लाख से अधिक भारतीय छात्र रह रहे हैं और पढ़ रहे हैं। हम पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्क और हॉलिडे वीजा व्यवस्था पर विचार कर रहे हैं। 


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