Share Market: भारतीय शेयर बाजार में हालिया गिरावट का असर IPO मार्केट पर साफ दिख रहा है। पिछले कुछ हफ्तों से कोई भी बड़ी कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट नहीं हुई है, और कई कंपनियों ने अपने आईपीओ प्लान को अगली तिमाही तक स्थगित कर दिया है। SEBI द्वारा इस समय 44 कंपनियों को IPO के लिए मंजूरी मिली हुई है, लेकिन बाजार की अस्थिरता के कारण कंपनियां आईपीओ लाने में देरी कर रही हैं।
2025 में आईपीओ गतिविधियों में सुस्ती
2024 का साल भारतीय IPO बाजार के लिए बेहद अच्छा रहा था, लेकिन 2025 की शुरुआत में इसमें ठहराव नजर आ रहा है। जनवरी में सिर्फ पांच और फरवरी में केवल चार कंपनियां सूचीबद्ध हुई हैं, जबकि 2024 के दिसंबर में 16 कंपनियों के आईपीओ लॉन्च हुए थे। इस गिरावट का मुख्य कारण बाजार में जारी करेक्शन और निवेशकों की सतर्कता है।
हाल ही में लिस्ट हुए आईपीओ
हाल ही में कुछ कंपनियों ने अपना आईपीओ लॉन्च किया, जिनमें क्वालिटी पावर इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट लिमिटेड प्रमुख रही। यह आईपीओ 14 फरवरी को तीन दिन की बोली के लिए खुला था। हालांकि, कुछ कंपनियों ने बाजार की स्थिति को देखते हुए अपने आईपीओ योजनाओं को स्थगित कर दिया। एडवांस्ड सिस्टम-टेक, एसएफसी एनवायरनमेंटल टेक्नोलॉजीज और विनी कॉरपोरेशन जैसी कंपनियों ने अपने दस्तावेज वापस ले लिए हैं।
2024 में IPO से जुटाई गई पूंजी
2024 में भारतीय शेयर बाजार में IPO गतिविधियां काफी मजबूत थीं। उस साल 91 सार्वजनिक निर्गमों के जरिए सामूहिक रूप से 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए थे। खुदरा निवेशकों की मजबूत भागीदारी, भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और निजी पूंजीगत व्यय में वृद्धि ने इस प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन 2025 की शुरुआत में यह उत्साह मंद पड़ता दिख रहा है।
IPO लिस्टिंग में गिरावट के कारण
मौजूदा समय में बाजार की अनिश्चितता और द्वितीयक बाजार में करेक्शन के चलते आईपीओ गतिविधियों में सुस्ती देखी जा रही है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों का ध्यान इस समय नई लिस्टिंग की बजाय अपने मौजूदा पोर्टफोलियो पर केंद्रित है। आनंद राठी एडवाइजर्स के निदेशक वी. प्रशांत राव के अनुसार, भले ही अल्पकालिक रूप से आईपीओ बाजार प्रभावित हुआ हो, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से आईपीओ की मजबूत पाइपलाइन बनी हुई है।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार की मौजूदा परिस्थितियों ने IPO मार्केट को अस्थिर बना दिया है। हालांकि, दीर्घकालिक रूप से यह बाजार मजबूत बना हुआ है और कंपनियां सही समय का इंतजार कर रही हैं। बाजार की स्थिरता लौटने के साथ ही IPO गतिविधियों में फिर से तेजी देखने को मिल सकती है।