Telecom Industry / जियो और एयरटेल का टूटेगा वर्चस्व, सरकार ने एक लाख करोड़ का बनाया प्लान

सरकार टेलीकॉम सेक्टर में वोडाफोन आइडिया को बचाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की राहत योजना पर काम कर रही है। एजीआर बकाए में 50% ब्याज छूट और जुर्माना माफ करने की योजना है। बजट 2025 में इसका ऐलान संभावित है। इससे इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

Vikrant Shekhawat : Jan 19, 2025, 06:00 AM
Telecom Industry: भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री में रिलायंस जियो और एयरटेल का वर्चस्व तोड़ने के लिए सरकार एक बड़े आर्थिक पैकेज की तैयारी में है। यह कदम न केवल वोडाफोन आइडिया जैसी संकटग्रस्त कंपनियों को राहत देगा, बल्कि पूरे टेलीकॉम सेक्टर को स्थिरता प्रदान करने के उद्देश्य से लिया जा रहा है।

क्या है सरकार की योजना?

सूत्रों के अनुसार, सरकार टेलीकॉम कंपनियों पर बकाया एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) में भारी छूट देने की योजना बना रही है। इस छूट में ब्याज पर 50% कटौती और जुर्माना पूरी तरह माफ करने का प्रस्ताव शामिल है। यह कदम टेलीकॉम कंपनियों को वित्तीय राहत देने और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।

AGR का मुद्दा 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुर्खियों में आया था, जिसमें टेलीकॉम कंपनियों को 1.47 लाख करोड़ रुपए का बकाया चुकाने का निर्देश दिया गया था। यह राशि लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम चार्ज के रूप में थी।

वोडाफोन आइडिया को सबसे ज्यादा फायदा

अगर सरकार का यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो टेलीकॉम सेक्टर को 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राहत मिल सकती है। इसमें सबसे ज्यादा फायदा वोडाफोन आइडिया को होगा, जिसे 52,000 करोड़ रुपए से अधिक की राहत मिलने का अनुमान है। यह राशि AGR बकाए के रूप में है, जिसने कंपनी को गंभीर वित्तीय संकट में डाल दिया था।

एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज को भी राहत

भारती एयरटेल, जो फाइनेंशियली मजबूत स्थिति में है, को भी इस प्रस्ताव से 38,000 करोड़ रुपए की राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं, टाटा टेलीसर्विसेज, जिसने अपनी रिटेल सेवाएं बंद कर दी हैं, को लगभग 14,000 करोड़ रुपए का फायदा हो सकता है।

रिलायंस जियो, जो टेलीकॉम इंडस्ट्री में प्रमुख खिलाड़ी है, पर कोई AGR बकाया नहीं है। इसका मतलब यह है कि यह राहत सीधे वोडाफोन आइडिया और एयरटेल जैसी कंपनियों को नए सिरे से प्रतिस्पर्धा में खड़ा कर सकती है।

बजट में हो सकता है बड़ा ऐलान

सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए वित्त मंत्रालय, टेलीकॉम विभाग और कैबिनेट सचिवालय के बीच उच्चस्तरीय चर्चाएं जारी हैं। संभावना है कि इस योजना की घोषणा आगामी बजट (1 फरवरी) में हो सकती है।

टेलीकॉम इंडस्ट्री में होगा बड़ा बदलाव?

जियो के 2016 में लॉन्च होने के बाद से टेलीकॉम इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा बेहद बढ़ गई थी, जिसके चलते कई कंपनियों को अपने परिचालन बंद करने पड़े। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद AGR बकाया ने संकट और बढ़ा दिया।

सरकार का यह कदम न केवल वित्तीय स्थिरता लाने में मदद करेगा, बल्कि वोडाफोन आइडिया और एयरटेल जैसी कंपनियों को नए सिरे से प्रतिस्पर्धा में आने का मौका देगा।

क्या जियो और एयरटेल का वर्चस्व टूटेगा?

इस राहत पैकेज से वोडाफोन आइडिया को अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने और बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का अवसर मिलेगा। एयरटेल को भी अपने वित्तीय बोझ से राहत मिलेगी, जिससे यह अपने 5G नेटवर्क और अन्य सेवाओं में तेजी ला सकेगा।

हालांकि, जियो और एयरटेल की बाजार स्थिति और मजबूत उपभोक्ता आधार को देखते हुए, वोडाफोन आइडिया को अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे।


निष्कर्ष
सरकार का यह प्रस्ताव भारतीय टेलीकॉम सेक्टर के लिए एक गेमचेंजर साबित हो सकता है। जहां एक ओर यह कंपनियों को वित्तीय संकट से बाहर निकालेगा, वहीं दूसरी ओर प्रतिस्पर्धा को पुनर्जीवित कर उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में मदद करेगा। अब सभी की नजरें बजट 2025 पर टिकी हैं, जहां इस राहत योजना का औपचारिक ऐलान किया जा सकता है।