राजस्थान / राजस्थान उपचुनाव में भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान प्रचार के लिए में उतारा

Zoom News : Apr 11, 2021, 08:43 PM
जयपुर: Rajasthan Bypoll: राजस्थान की तीन विधानसभा सीटों पर 17 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव में अब मात्र छह दिन बचे हैं। चुनाव प्रचार अभियान चरम पर है। इस दौरान भाजपा में खेमेबाजी साफ नजर आ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अब तक चुनाव प्रचार से दूर हैं। तीनों क्षेत्रों में वसुंधरा राजे की मांग है। वसुंधरा राजे की कमी को दूर करने के लिए भाजपा नेतृत्व ने उनके भतीजे ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतारा है। रविवार को ज्योतिरादित्य ने सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में सभा को संबोधित किया। इस दौरान ज्योतिरादित्य ने राहुल गांधी का नाम लिए बना उन पर निशाना साधा। उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के एक बड़े नेता ने सभाओं में 10 दिन में किसानों कर्ज माफ करने का वादा किया, लेकिन आज तक नहीं हुआ। कांग्रेस के इस बड़े नेता ने कहा था कि अगर 10 दिन में कर्ज नहीं माफ हुआ तो हम मुख्यमंत्री बदल देंगे।

शिवराज सरकार की तारीफ की

मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि में प्रत्येक किसान को छह हजार दिए तो हमारी सरकारी ने उसमें चार हजार रुपये जोड़कर कुल 10 हजार दिए। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुए उन्होंने कहा कि जो सरकार किसानों, नौजवानों को धोखा दे उसे धूल चटाने का काम मैंने किया। मुझे कुर्सी और सत्ता की भूख नहीं, लेकिन यदि जनता के साथ अन्याय और भ्रष्टाचार हो जान देने की जरूरत पड़ने पर भी मैं तैयार हूं। उन्होंने ग्वालियर और गंगापुर के संबंधों की दुहाई देते हुए भाजपा प्रत्याशी रतनलाल जाट के लिए वोट मांगे।

यह है ग्वालियर और गंगापुर में रिश्ता

सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र के गंगापुर का सिंधिया परिवार से 230 साल पुराना नाता है। पहले गंगापुर के एक दर्जन गांव ग्वालियर रियासत के अधीन आते थे। इस कारण यहां सिंधिया परिवार का प्रभाव रहा है। बताया जाता है कि मेवाड़ राजपरिवार की बेटी गंगाबाई ग्वालियर राजघराने की बहु थी। 230 साल पहले उदयपुर के महाराणा और देवगढ़ के उमराव के बीच अनबन गई थी। गंगाबाई समझौता कराने उदयपुर आई थी। वे उदयपुर से वापस ग्वालियर जा रही थी तो लालरपुरा गांव में उनका निधन हो गया था। गंगाबाई के नाम पर ही गंगापुर कस्बा बना। यहां मंदिर और छतरी भी है। उस समय मेवाड़ राजपरिवार ने कई गांव ग्वालियर राजघराने को दिए थे। वसुंधरा राजे हमेशा इस क्षेत्र के दौरे के दौरान ग्वालियर और गंगापुर के संबंधों को याद करती रही है।

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