देश / आज से दोबारा खुल रहा करतारपुर कॉरिडोर, जानें कोरोना की वजह से क्या है नया?

Zoom News : Nov 17, 2021, 07:17 AM
पाकिस्तान में स्थित सिखों के सबसे पूजनीय तीर्थस्थलों तक जाने के लिए करतारपुर साहिब गलियारे को बुधवार यानी आज से एक बार फिर से खोला जा रहा है। साल 2019 में इस गलियारे का उद्घाटन हुआ था लेकिन अब इस यात्रा को करने के लिए श्रद्धालुओं को कुछ नियमों का पालन करना होगा, मसलन सिर्फ वही लोग पाकिस्तान जा सकते हैं, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली है। इसका मतलब यह भी है कि सभी श्रद्धालुओं को अपने साथ निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट और कोविड टीकाकरण सर्टिफिकेट रखना होगा। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ अहम बदलाव...

करतारपुर साहिब कॉरिडोर पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरुदासपुर में मौजूद सिखों के पवित्र पूजनीय स्थल डेरा बाबा नानक से जोड़ता है। करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का सिखों के लिए इसलिए भी महत्व है क्योंकि इसी गुरुद्वारे में उनके गुरु नानक देव ने जीवन के आखिरी बरस बिताए थे और देह त्यागी थी। 

हालांकि, यह कॉरिडोर साल 2019 में ही खुल गया था लेकिन महज चार महीने के अंदर ही कोरोना की वजह से इसे मार्च 2020 में बंद कर दिया गया था। अब इस तीर्थस्थल को करीब डेढ़ साल बाद एक बार फिर से खोला जा रहा है। भारत सरकार ने मंगलवार को इस संबंध में ऐलान किया। बता दें कि 19 नवंबर को गुरुनानक देव की जयंती है, जिसे प्रकाश पर्व के तौर पर मनाया जाता है।

गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, भारत सरकार ने इस यात्रा को कोरोना की स्थिति में सुधार को देखते हुए एक बार फिर से चालू करने का फैसला लिया है।  

इसके तहत हर दिन भारत के करीब 100-200 श्रद्धालु करतारपुर साहिब कॉरिडोर से पाकिस्तान पहुंच सकते हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों ही ओर का प्रशासन दैनिक आधार पर तीर्थयात्रियों की सूची जांचेंगे। हालांकि, कॉरिडोर पर 19 नवंबर को ही सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं के जुड़ने की उम्मीद है। करतारपुप साहिब की यात्रा के लिए पंजीकरण इस लिंक पर जाकर कराया जा सकता है।

श्रद्धालुओं के लिए कोविड नियम 

करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर श्रद्धालुओं को तापमान चेक करवाने के साथ ही सैनिटाइजेशन प्रक्रिया से गुजरना होगा। वहीं, मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान भी देना होगा। सभी श्रद्धालुओं को अपने साथ निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट रखना होगा, जो 72 घंटे से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए। कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी अनिवार्य है।

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