Citizenship Amendment Act / CAA पर बोल दी केरल के CM विजयन ने ये बात, राहुल गांधी पर लगाया बड़ा आरोप

Zoom News : Mar 29, 2024, 12:00 PM
Citizenship Amendment Act: केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने गुरुवार को कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी कि CAA का लक्ष्य मुसलमानों को देश में दोयम दर्जे का नागरिक बनाना है और यह संघ परिवार के एजेंडे का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में CAA विरोधी रैली में लगाए गए अपने आरोपों को दोहराया। बता दें कि BJP ने हाल ही में CAA पर पिनराई विजयन के भाषणों को लेकर उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की थी। 

‘संघ परिवार के हाथों का हथियार है CAA’

तिरुवनंतपुरम में CPM द्वारा आयोजित CAA विरोधी रैली को संबोधित करते हुए विजयन ने कहा कि यह कानून देश में मुसलमानों की नागरिकता छीनने के लिए संघ परिवार के हाथों का हथियार है। उन्होंने यह भी कहा कि CAA संघ परिवार के सांप्रदायिक एजेंडे को लागू करने के लिए एक ‘पुल’ के समान है। विजयन ने गुरुवार को यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी CAA पर चुप्पी साधे हुए हैं। केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF ने विजयन पर दक्षिणी राज्य में राजनीतिक लाभ के लिए CAA के मुद्दे का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है, जिसके बाद उनका यह बयान आया है।

राहुल पर विजयन ने लगाए गंभीर आरोप

CPM द्वारा CAA के विरोध में आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए विजयन ने आरोप लगाया कि वायनाड से सांसद गांधी ने देश में विवादास्पद कानून को लागू करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान एक शब्द भी नहीं बोला। उन्होंने कहा, ‘अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने इस बारे में कुछ नहीं बोला और यात्रा के बाद भी उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा।’ इससे पहले BJP ने आरोप लगाया कि विजयन का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय में असुरक्षा पैदा करना और उनके बीच ‘धर्मांधता को बढ़ावा’ देना है।

CM विजयन पर बीजेपी ने साधा निशाना

वरिष्ठ भाजपा नेता पी. के. कृष्णदास ने दावा किया कि सीएए पर विजयन द्वारा किया गया हालिया भाषण संवैधानिक मानदंडों और पद की शपथ का उल्लंघन है, और इस प्रकार उन्होंने अपने पद पर बने रहने का कानूनी अधिकार खो दिया है। कृष्णदास ने मलप्पुरम में सोमवार को आयोजित सीएए विरोधी रैली के दौरान विजयन द्वारा दिए गए बयानों का संदर्भ देते हुए कहा कि ये वही तर्क थे जो मोहम्मद अली जिन्ना ने दशकों पहले दो राष्ट्रों की मांग करते हुए दिए थे।

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