Zoom News : Jan 26, 2023, 09:27 AM
Basant Panchami: सनातन धर्म में मां सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है. इस साल सरस्वती पूजा 26 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। बसंत पंचमी के दिन जब देश में ऋृतु चक्र बदलता है, तो मां सरस्वती (Maa Saraswati) की आराधना करके उनसे आशीर्वाद लिया जाता है. कहते हैं कि जिन लोगों पर मां सरस्वती की कृपा हो जाती है, वे कला, ज्ञान, संगीत, शिक्षा के क्षेत्र में बहुत आगे तक जाते हैं. बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनकर देवी सरस्वती की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। बसंत पंचमी के दिन मंदिर से लेकर घरों तक में मां शारदा की उपासना की जाती है। सरस्वती पूजा के लिए जरूरी सामाग्रियांसरस्वती जी मूर्ति या तस्वीर, लकड़ी की चौकी, आसन पर बिछाने के लिए पीले रंग के कपड़े, पीले रंग के फूल और माला, अक्षत, सिंदूर, हल्दी, सुपारी, आम के पत्ते, धूप-अगरबत्ती, घी, दीया-बाती, जल के लिए कलश, नारियल, पूजा थाली, केला, बेर, मौसमी फल, बूंदी या बूंदी के लड्डू, सफेद तिल के लड्डू।सरस्वती पूजा का महत्वहिंदू धर्म में सरस्वती पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन पीला और सफेद रंग पहनना काफी शुभ बताया गया है। कहते हैं कि देवी सरस्वती को ये दोनों रंग बेहद ही प्रिय है। दरअसल, सफेद रंग पवित्रता और पीला रंग सकरात्मकता का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, बसंत पंचमी के दिन ही देवी सरस्वती प्रकट हुई थी। इसलिए बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा का विधान है।बसंत पंचमी 2023बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा, श्री पंचमी, मधुमास और ज्ञान पंचमी के नाम से जाना जाता है। बसंत पंचमी के दिन से ही सर्दियां समाप्त हो जाती हैं और बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। बसंत ऋतु को काफी सुहावना मौसम माना जाता है। सरस्वती पूजा विधि (Saraswat Puja Vidhi)बसंत पंचमी के दिन प्रात:काल स्नान कर साफ पीले या सफेद रंग के साफ वस्त्र पहन लेंपूजा स्थल या मंदिर को साफ-सुथरा करें और गंगा जल से शुद्ध कर लेंचौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर देवी सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करेंचौकी के पास कलम, किताब, शिक्षा से जुड़ी चीजें रखेंकलश में जल भरकर उसपर 5 आम के पत्तें रखें और उसके ऊपर नारियल रख देंअब देवी सरस्वती की हल्दी-कुमकुम का तिलक और अक्षत लगाएं मां शारदा को पीले फूलों की माला चढ़ाएंधूप-दीप और अगरबत्ती जलाएं मां सरस्वती के सामने सारे भोग की सामाग्री रख देंपूजा के दौरान सरस्वती मंत्रों का जाप करेंसंभव हो तो सरस्वती वंदना भी करेंसरस्वती जी की आरती करेंपूजा संपन्न होने के बाद प्रसाद सभी को बांटें और खुद भी ग्रहण करेंसरस्वती वंदना
- या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
- या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
- या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
- सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
- शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
- वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
- हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्,
- वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥