AajTak : May 14, 2020, 04:27 PM
दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था। इसके पहले चरण में बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े ऐलान किए। इस दौरान उन्होंने MSME से लेकर, रियल एस्टेट कंपनियों और आम करदाताओं तक को राहत दी। राहत का ये सिलसिला गुरुवार को भी जारी है और निर्मला सीतारमण एक बार फिर मीडिया से मुखातिब हैं।- घर की ओर वापस होने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए सहायता दिया जा रहा है। मनरेगा के तहत उन्हें रोजगार दिया जाएगा। 2.33 करोड़ लोगों को फायदा।
-शहरी गरीबों को 11,000 करोड़ रुपये की मदद की गई है। शहरी गरीबों के लिए राज्य सरकारों को आपादा फंड का इस्तेमाल करने की इजाजत है ताकि उन्हें भोजन और आवास मुहैया कराया जा सके। इसके लिए केंद्र से पैसा भेजा जाता है। शहरी इलाकों में रहने वाले बेघर लोगों को शेल्टर होम में तीन वक्त का भोजन पूरी तरह से केंद्र सरकार के पैसे से हो रहा है।
-किसानों ने 4.22 लाख करोड़ का लोन लिया, किसानों को लोन पर 3 महीने की छूट दी गई है। इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम को बढ़ाकर 31 मई तक किया गया। 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी।
- सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत आने वाले सभी नियोक्ताओं और कर्मचारियों के पीएफ कंट्रीब्यूशन को क्रमश: 2-2 फीसदी कम कर दिया गया है। अब तीन माह तक कर्मचारी अपने मूल वेतन का 12 फीसदी की बजाए सिर्फ 10 फीसदी कंट्रीब्यूशन देंगे।- टीडीएस की दर में भी 25 फीसदी की कटौती कर दी गई है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी का 100 रुपये का टीडीएस बनता है तो उसे 75 रुपये ही देने होंगे।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा राज्य सरकारों को इजाज़त दी है कि वह आपदा के लिए रकम का इस्तेमाल कर प्रवासी मजदूरों के लिए खाने और रहने का इंतजाम कर सकें। ये राज्यों का अधिकार है कि वह इसे कैसे इस्तेमाल करेंवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा मार्च में नाबार्ड के जरिए ग्रामीण बैंकों को पैसा मुहैया कराया गया ताकि ये ऋण दिए जा सकें। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा गांव की अर्थव्यवस्था के लिए 2 महीने में कदम उठाए गए कोविड के हमले के बाद भी बैंकों के जरिए गतिविधियां जारी रहीं 63 लाख लोन दिए गए, ये सब लॉकडाउन के दौरान हुआ, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा किसानों को 31 मई तक ब्याज की छूट
-शहरी गरीबों को 11,000 करोड़ रुपये की मदद की गई है। शहरी गरीबों के लिए राज्य सरकारों को आपादा फंड का इस्तेमाल करने की इजाजत है ताकि उन्हें भोजन और आवास मुहैया कराया जा सके। इसके लिए केंद्र से पैसा भेजा जाता है। शहरी इलाकों में रहने वाले बेघर लोगों को शेल्टर होम में तीन वक्त का भोजन पूरी तरह से केंद्र सरकार के पैसे से हो रहा है।
-किसानों ने 4.22 लाख करोड़ का लोन लिया, किसानों को लोन पर 3 महीने की छूट दी गई है। इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम को बढ़ाकर 31 मई तक किया गया। 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि दूसरा चरण पटरी-रेहड़ी कारोबारी, छोटे किसान, प्रवासी श्रमिकों से जुड़ा होगा। इसमें 9 बड़े ऐलान होंगे।बुधवार को क्या हुआ था ऐलान- बुधवार को करीब 6 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान हुआ। इस पैकेज में से एक बड़ा हिस्सा सूक्ष्म, लघु और मझोले कारोबार (MSME) को दिया गया है। वहीं सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मझोले कारोबार की परिभाषा में भी बदलाव कर दिया है।- वहीं बिजली वितरण कंपनियों पर 94,000 करोड़ रुपये का बकाया है और उनको 90,000 करोड़ का बेल आउट दिया गया है।- गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों, एमएफआई को 30,000 करोड़ की नकदी सुविधा- एनबीएफसी के पार्शियल गारंटी स्कीम के लिए 45,000 करोड़ रुपये- मिडिल क्लास को सरकार ने सबसे बड़ी राहत टैक्स के मोर्चे पर दी है। दरअसल, सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सभी आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा 31 जुलाई 2020 और 31 अक्टूबर 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दी है। इसके अलावा टैक्स से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए लाई गई 'विवाद से विश्वास योजना' की डेडलाइन 31 दिसंबर 2020 तक के लिए बढ़ गई है।Direct Support to #Farmers & Rural Economy provided post #COVID19 as part of #AatmaNirbharBharatPackage : Finance Minister @nsitharaman pic.twitter.com/OTfY7MbBP2
— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 14, 2020
- सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत आने वाले सभी नियोक्ताओं और कर्मचारियों के पीएफ कंट्रीब्यूशन को क्रमश: 2-2 फीसदी कम कर दिया गया है। अब तीन माह तक कर्मचारी अपने मूल वेतन का 12 फीसदी की बजाए सिर्फ 10 फीसदी कंट्रीब्यूशन देंगे।- टीडीएस की दर में भी 25 फीसदी की कटौती कर दी गई है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी का 100 रुपये का टीडीएस बनता है तो उसे 75 रुपये ही देने होंगे।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा राज्य सरकारों को इजाज़त दी है कि वह आपदा के लिए रकम का इस्तेमाल कर प्रवासी मजदूरों के लिए खाने और रहने का इंतजाम कर सकें। ये राज्यों का अधिकार है कि वह इसे कैसे इस्तेमाल करेंवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा मार्च में नाबार्ड के जरिए ग्रामीण बैंकों को पैसा मुहैया कराया गया ताकि ये ऋण दिए जा सकें। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा गांव की अर्थव्यवस्था के लिए 2 महीने में कदम उठाए गए कोविड के हमले के बाद भी बैंकों के जरिए गतिविधियां जारी रहीं 63 लाख लोन दिए गए, ये सब लॉकडाउन के दौरान हुआ, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा किसानों को 31 मई तक ब्याज की छूट