राहत की बात / भारत में नहीं सामने आया कोरोना के इस जानलेवा वैरिएंट का एक भी मामला

Zoom News : Jul 07, 2021, 02:16 PM
नई दिल्ली: कोरोना वायरस का C.37 स्ट्रेन जिसे  लैम्ब्डा वैरिएंट (Lambda variant) भी कहा जा रहा है, विदेशों में तेजी से फैल रहा है. लेकिन फिलहाल भारत में कोरोना वायरस के इस स्ट्रेन का एक भी मामला सामने नहीं आया है.

हालांकि दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में करीब 80 प्रतिशत संक्रमण के मामले इसी स्ट्रेन के हैं. कोरोना का ये वैरिएंट पिछले एक महीने में 27 से ज्यादा देशों में फैल चुका है.

वैज्ञानिकों को इस बात की चिंता

वैज्ञानिक इस बात को लेकर चिंता में हैं कि कोविड-19 का ये स्ट्रेन हो सकता है ​कि वैक्सीनेशन को लेकर इम्यून हो और इस पर वैक्सीन का कोई असर न हो. ये स्ट्रेन पेरू में तबाही मचा रहा है और मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

भारत के बात करें तो रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी तक इस वैरिएंट का कोई मामला देश में सामने नहीं आया है. C.37 स्ट्रेन जिसे लैम्ब्डा वैरिएंट (Lambda variant) नाम दिया गया है. इसका सबसे पहला मामला दिसम्बर 2020 में पेरू में सामने आया था. तब कोरोना के कुल नए मामलों में इस वैरिएंट से संक्रमित केस की संख्या करीब 1 प्रतिशत थी. 

80 प्रतिशत नए मामले इसी वैरिएंट के 

फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब पेरू में 80 प्रतिशत नए मामले इसी वैरिएंट के हैं और यह 27 से ज्यादा देशों में फैल चुका है. 

सैंटियागो की यूनिवर्सिटी ऑफ चिली ने लैम्ब्डा स्ट्रेन के प्रभाव को उन वर्कर्स पर देखा, जिन्हें चीन की कोरोना वैक्सीन कोरोनावैक की दो डोज लग चुकी ​थी. इस रिसर्च के नतीजों के मुताबिक, लैम्ब्डा वैरिएंट गामा और अल्फा से ज्यादा संक्रामक है और इस पर वैक्सीन लेने के बाद बनी एंटीबॉडीज का कोई असर नहीं होता. 

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