Chandrayaan-3 / कुछ देर में चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग- पीएम मोदी ने किया ट्वीट, बोले- यह सपनों को आगे बढ़ाएगा

Vikrant Shekhawat : Jul 14, 2023, 01:19 PM
Chandrayaan 3: भारत आज अंतरिक्ष की दुनिया में एक और लंबी और बड़ी छलांग लगाने को तैयार है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज दोपहर 2।35 बजे चंद्रयान 3 को लॉन्च करने वाला है। यानी इस स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च होने में मात्र कुछ ही घंटे बाकी है। यह स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए अगले 45 दिनों में चंद्रमा के ऑरबिट में प्रवेश कर जाएगा। मिशन चंद्रयान 3 को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीट किया है। 

चंद्रयान का काम

इस मिशन का लक्ष्य है चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग। रोवर को चांद की सतह पर चलाना और चांद पर मौजूद एलिमेंट्स की जानकारी इकट्ठा करना। इस यान को तैयार करने में लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस यान का लैंडर चांद के उस हिस्से यानी चांद के वीरान हिस्सों में जाएगा और वहां मौजूद धातु तथा अन्य एलिमेंट्स की जानकारी जुटाएगा। स्पेसक्राफ्ट को धरती से चांद तक की दूरी तय करने में 45-48 दिन तक का समय लग सकता है। 

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बाबत ट्वीट करते हुए कहा कि जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, 14 जुलाई 2023 हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। चंद्रयान-3, हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा पर निकलेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा। बता दें कि इससे पहले चंद्रयान 2 के दौरान लैंडर से इसरो का संपर्क टूट जाने के कारण सभी के हाथ निराशा लगी थी। इस दौरान इसरो के तत्कालीन चीफ के। सिवान भावुक हो गए थे जिसपर पीएम मोदी ने उन्हें गले लगाते हुए सात्वना देने का काम किया था। 

चंद्रयान-3 पर अरविंद केजरीवाल का ट्वीट

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चंद्रयान-3 के लॉन्च को लेकर ट्वीट किया है और इसरो को बधाई दी है. अरविंद केजरीवाल ने लिखा कि आज देश के लिए अहम दिन है, चंद्रयान-3 के द्वारा भारत फिर चांद पर कदम रखने की कोशिश कर रहा है. मैं सभी देशवासियों और इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं.

चंद्रयान-3 के लिए ये तारीखें अहम

14 जुलाई 2023 : चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में लॉन्चपैड से उड़ान भरेगा.

23/24 अगस्त 2023 : इसरो के वैज्ञानिकों ने 23-24 अगस्त को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की योजना बनाई है, जिससे भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाले देशों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा. अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसा कर पाए हैं.

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