Corona Lockdown / लॉकडाउन से भारतीय रईस बने 35% अमीर, हर घंटे 1.7 लाख नौकरियां गईं

Zoom News : Jan 25, 2021, 02:19 PM
Corona Lockdown: कोरोनावायरस ने भारत के अरबपतियों और गरीबों के बीच आय की असमानता को और बढ़ा दिया है। मार्च 2020 से दिसंबर 2020 के बीच लॉकडाउन जहां करोड़ों लोग गरीब हुए हैं, वहीं वहीं दुनिया के टॉप अमीरों की संपत्ति  में करीब 3.9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 285 लाख करोड़ रुपये) का इजाफा हुआ है।

कोरोना संकट ने करोड़ो बेरोजगार, अकुशल रोजगार वाले  गरीब पुरुषों और महिलाओं के बीच के आय की असमानता को और अधिक बड़ा कर दिया है। नॉन-प्रॉफिट ग्रुप ऑक्सफैम (Oxfam) की रिपोर्ट  ‘द इनइक्वैलिटी वायरस’ (The Inequality Virus) के मुताबिक कोरोनावायरस लॉकडाउन के दौरान भारत के अरबपतियों की संपत्ति 35 फीसदी ज्यादा बढ़ गई है, जबकि देश के 84 फीसदी परिवारों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ा है। अकेले अप्रैल 2020 महीने में हर घंटे 1.7 लाख लोगों की नौकरी गई है।

रिपोर्ट में आय की असमता का जिक्र करते हुए बताया गया कि महामारी के दौरान मुकेश अंबानी को एक घंटे में जितनी आमदनी हुई, उतनी कमाई करने में एक अकुशल मजदूर को दस हजार साल लग जाएंगे, या मुकेश अंबानी ने जितनी आय एक सेकेंड में हासिल की, उसे पाने में एक अकुशल मजदूर को तीन साल लगेंगे।

रिपोर्ट को विश्व आर्थिक मंच के 'दावोस संवाद के पहले दिन जारी किया गया।रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी पिछले सौ वर्षों का सबसे बड़ास्वास्थ्य संकट है और इसके चलते 1930 की महामंदी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक संकट पैदा हुआ।

ऑक्सफैम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ बेहर ने कहा, 'इस रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि अन्यायपूर्ण आर्थिक व्यवस्था से कैसे सबसे बड़े आर्थिक संकट के दौरान सबसे धनी लोगों ने बहुत अधिक संपत्ति अर्जित की, जबकि करोड़ों लोग बेहद मुश्किल से गुजर-बसर कर रहे हैं। शुरुआत में सोच थी कि महामारी सभी को समान रूप से प्रभावित करेगी, लेकिन लॉक़डाउन होने पर समाज में विषमताएं खुलकर सामने आ गईं।'

रिपोर्ट के लिए ऑक्सफैम द्वारा किए गए सर्वेक्षण में 79 देशों के 295 अर्थशास्त्रियों ने अपनी राय दी, जिसमें जेफरी डेविड, जयति घोष और गेब्रियल ज़ुक्मैन सहित 87 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने महामारी के चलते अपने देश में आय असमनता में बड़ी या बहुत बड़ी बढ़ोतरा का अनुमान जताया।

रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी, शिव नादर, सायरस पूनावाला, उदय कोटक, अजीम प्रेमजी, सुनील मित्तल, राधाकृष्ण दमानी, कुमार मंगलम बिरला और लक्ष्मी मित्तल जैसे अरबपतियों की संपत्ति मार्च 2020 के बाद महामारी और लॉकडाउन के दौरान तेजी से बढ़ी। दूसरी ओर अप्रैल 2020 में प्रति घंटे 1.7 लाख लोग बेरोजगार हो रहे थे।

रिपोर्ट के भारत केंद्रित खंड में बताया गया, ''भारतीय अरबपतियों की संपत्ति लॉकडाउन के दौरान 35 प्रतिशत बढ़ गई। भारत अरबपतियों की संपत्ति के मामले में अमेरिका, चीन, जर्मनी, रूस और फ्रांस के बाद छठे स्थान पर पहुंच गया। भारत के 11 प्रमुख अरबपतियों की आय में महामारी के दौरान जितनी बढ़ोतरी हुई, उससे मनरेगा और स्वास्थ्य मंत्रालय का मौजूदा बजट एक दशक तक प्राप्त हो सकता है।

ऑक्सफैम ने कहा कि महामारी और लॉकडाउन का अनौपचारिक मजदूरों पर सबसे बुरा असर हुआ। इस दौरान करीब 12.2 करोड़ लोगों ने रोजगार खोए, जिनमें से 9.2 करोड़ (75 प्रतिशत) अनौपचारिक क्षेत्र के थे। 

रिपोर्ट में कहा गया कि इस संकट के चलते महिलाओं ने सबसे अधिक कष्ट सहा और 1.7 करोड़ महिलाओं का रोजगार अप्रैल 2020 में छिन गया। महिलाओं में बेरोजगारी दर लॉकडाउन से पहले ही 15 प्रतिशत थी, इसमें 18 प्रतिशत की और बढ़ोतरी हो गई। इसके अलावा स्कूलों से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या दोगुनी होने की आशंका भी जताई गई।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER