महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 का फाइनल मुकाबला 2 नवंबर को डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स एकेडमी में खेला जाएगा, जो क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय लिखेगा। इस महामुकाबले में भारत और साउथ अफ्रीका की टीमें आमने-सामने होंगी। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय टीम अपने घरेलू मैदान पर खिताब के सूखे को खत्म करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जबकि लौरा वोल्वार्ड्ट की अगुवाई वाली साउथ अफ्रीकी टीम पहली बार फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ी है। यह मैच सिर्फ दो टीमों के बीच की भिड़ंत नहीं, बल्कि भारत के लिए 20 साल पुराने एक रिकॉर्ड को तोड़ने की चुनौती भी है।
भारतीय महिला टीम के सामने फाइनल में सिर्फ साउथ अफ्रीका की मजबूत टीम ही नहीं, बल्कि एक 20 साल पुराना रिकॉर्ड भी चुनौती बनकर खड़ा है। महिला वनडे वर्ल्ड कप में भारत ने साउथ अफ्रीका को आखिरी बार साल 2005 में हराया था। उसके बाद से हर बार उसे हार का सामना करना पड़ा है। यह सिलसिला पिछले तीन वर्ल्ड कप मुकाबलों से चला आ रहा है, जिसमें साउथ अफ्रीका ने लगातार जीत दर्ज की है और इस टूर्नामेंट के लीग स्टेज में भी साउथ अफ्रीका ने भारत को हर विभाग में पछाड़ते हुए आसान जीत दर्ज की थी, जो फाइनल से पहले टीम इंडिया के लिए चिंता का विषय है।
वर्ल्ड कप में हेड-टू-हेड रिकॉर्ड
दोनों टीमों के बीच वर्ल्ड कप में अब तक कुल छह मुकाबले खेले गए हैं। इन छह मुकाबलों में दोनों टीमों ने तीन-तीन बार जीत हासिल की है,। जिससे पता चलता है कि दोनों के बीच टक्कर हमेशा कड़ी रही है। हालांकि, 2005 में भारत की आखिरी जीत के बाद से साउथ अफ्रीका ने लगातार। तीन मैच जीते हैं, जिसमें मौजूदा वर्ल्ड कप का लीग स्टेज मुकाबला भी शामिल है। यह आंकड़ा भारतीय टीम के लिए एक बड़ी मनोवैज्ञानिक बाधा बन सकता है, जिसे उन्हें फाइनल में पार करना होगा।
एक नया चैंपियन तय है
इस बार महिला वनडे वर्ल्ड कप में क्रिकेट जगत को एक नया चैंपियन देखने को मिलेगा। भारत और साउथ अफ्रीका दोनों ही टीमों ने अभी तक एक बार भी इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को अपने नाम नहीं किया है और ऐसे में, यह फाइनल मुकाबला दोनों टीमों के लिए इतिहास रचने का एक सुनहरा अवसर है। भारतीय टीम के पास अपने घरेलू मैदान पर इस लंबे इंतजार को खत्म करने का बड़ा मौका है, जबकि साउथ अफ्रीका पहली बार फाइनल में पहुंचकर अपनी छाप छोड़ना चाहेगी।
भारत का तीसरा वर्ल्ड कप फाइनल
भारतीय महिला टीम अपने क्रिकेट इतिहास में तीसरी बार महिला वर्ल्ड कप का फाइनल मैच खेलने उतरेगी। इससे पहले, टीम इंडिया दो बार फाइनल में पहुंच चुकी है, लेकिन दोनों ही बार उसे हार का सामना करना पड़ा था। साल 2005 के वर्ल्ड कप फाइनल में उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार मिली थी, जबकि 2017 के वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ एक करीबी मुकाबले में टीम इंडिया को शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इस बार, टीम इंडिया अपने पिछले अनुभवों से सीखकर कोई कमी नहीं छोड़ना चाहेगी और अपने पहले खिताब पर कब्जा जमाने की पूरी कोशिश करेगी।
साउथ अफ्रीका का ऐतिहासिक सफर
साउथ अफ्रीकी टीम के लिए यह पहला महिला वनडे वर्ल्ड कप फाइनल है। लौरा वोल्वार्ड्ट की अगुवाई वाली टीम ने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया है। पहली बार फाइनल में पहुंचकर उन्होंने पहले ही इतिहास रच दिया है, लेकिन अब उनकी नजरें ट्रॉफी पर होंगी। साउथ अफ्रीका की टीम ने लीग स्टेज में भारत को हराकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था, जिससे फाइनल में उनके आत्मविश्वास को और बढ़ावा मिलेगा।