Up election / बनारस में हुंकार भरेंगी ममता बनर्जी, एक तीर से कई निशाने की तैयारी

Zoom News : Feb 21, 2022, 07:04 AM
यूपी विधानसभा चुनाव में भले ही ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी चुनाव नहीं लड़ रही है लेकिन बीजेपी को हराने के लिए रणनीति बनाने में जरूर लगी है। ममता बनर्जी ने अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी को खुला समर्थन दिया हुआ है। लखनऊ में अखिलेश के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के बाद ममता बनर्जी 3 मार्च को बनारस में सभा और रोड-शो करने जा रही हैं। 

ममता के कार्यक्रम को लेकर समाजवादी पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सोमवार को कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता किरणमय नंदा और युवजन सभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास यादव भी सोमवार 22 फरवरी को वाराणसी पहुंच रहे हैं। प्रत्याशियों के साथ बैठक करने के अलावा ममता बनर्जी के आगमन को लेकर पूरी प्लानिंग तैयार की जाएगी।

सीधे पीएम मोदी को चुनौती की तैयारी

ममता बनर्जी के बनारस से हुंकार भरने के कई मायने हैं। उनके निशाने पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर वाला इलाका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के गढ़ में जाकर उन्हें लगातार चैलेंज कर रहे थे। अब उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी पीएम मोदी के गढ़ में पहुंचकर उन्हें ललकारने की तैयारी में हैं।

इससे पहले ममता बनर्जी ने लखनऊ में  अखिलेश यादव के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा था। लखनऊ से उन्होंने उत्तर प्रदेश में खेला होबे का नारा देते हुए वाराणसी आने की घोषणा भी की थी। ममता बनर्जी ने वाराणसी में जनसभा के साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर में दीया जलाने की बात कही थी। इस दीया का भी एक संकेत है।

बनारस का बड़ा इलाका बंगाली बाहुल्य, निशाने पर दक्षिणी

ममता बनर्जी बंगाल के वोटर्स को साधने के साथ ही भाजपा के सबसे मजबूत किले वाराणसी दक्षिणी में सेंधमारी की कोशिश करेंगी। वाराणसी दक्षिणी ही वह इलाका है जहां बड़ी संख्या में बंगाली समाज के लोग रहते हैं। माना जा रहा है कि इन इलाकों में ममता डोर टू डोर जनसंपर्क भी कर सकती हैं। 

वाराणसी दक्षिणी से लगातार सात बार भाजपा के विधायक रहे श्यामदेव राय चौधरी भी बंगाली कम्युनिटी से ही आते हैं। पिछली बार उनका टिकट काटकर भाजपा ने नीलकंठ तिवारी को मैदान में उतार दिया था। नीलकंठ ने जीत हासिल की और मंत्री भी बने। इस बार भी नीलकंठ ही भाजपा से मैदान में हैं।

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