केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही में तीन महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी है, जिनका दूरगामी प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना पर पड़ेगा। इन फैसलों में जनगणना 2027 के लिए एक बड़ा वित्तीय आवंटन, कोयला आपूर्ति में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक नई नीति और नारियल किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) शामिल हैं और ये निर्णय सरकार की विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
जनगणना 2027: पहली डिजिटल जनगणना
कैबिनेट ने जनगणना 2027 के लिए ₹11,718 करोड़ के बजट को मंजूरी दी है। यह देश की पहली डिजिटल जनगणना होगी, जिसे डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह जनगणना दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहला चरण अप्रैल से सितंबर 2026 तक चलेगा, जिसमें हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस का काम होगा। इसके बाद, दूसरा चरण फरवरी 2027 में आबादी की गिनती पर केंद्रित होगा और इस डिजिटल पहल से जनगणना प्रक्रिया में दक्षता और सटीकता बढ़ने की उम्मीद है।
डेटा साझाकरण और रोजगार सृजन
जनगणना 2027 के परिणामों को कम से कम समय में पूरे देश में उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। डेटा को अधिक से अधिक विजुअलाइजेशन टूल के साथ जारी करने। की योजना है, ताकि इसे समझना और उपयोग करना आसान हो। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जनगणना डेटा को सबसे निचली प्रशासनिक इकाई, यानी गांव/वार्ड स्तर तक सभी के साथ साझा किया जाएगा, जिससे स्थानीय स्तर पर योजना बनाने और नीतियों को लागू करने में मदद मिलेगी और इस विशाल कार्य के सफल संचालन के लिए स्थानीय स्तर पर लगभग 550 दिनों के लिए लगभग 18,600 तकनीकी जनशक्ति को लगाया जाएगा, जिससे लगभग 1. 02 करोड़ मानव-दिवस रोजगार उत्पन्न होंगे। इसके अतिरिक्त, चार्ज/जिला राज्य स्तर पर तकनीकी जनशक्ति के प्रावधान से डिजिटल डेटा हैंडलिंग, निगरानी और समन्वय से संबंधित क्षमता निर्माण भी होगा।
CoalSETU नीति: कोयला आपूर्ति में पारदर्शिता
केंद्रीय कैबिनेट ने कोयला आपूर्ति में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए CoalSETU नीति को भी मंजूरी दी है और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस नीति के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अब कोई भी घरेलू खरीदार लिंकेज ऑक्शन में हिस्सा ले सकता है। यह कदम कोयला बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा। इसके साथ ही, कोल लिंकेज होल्डर 50 फीसदी तक कोयले का निर्यात कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपने उत्पादन का बेहतर मूल्य मिल सकेगा। हालांकि, बाजार में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए ट्रेडर्स को इस। प्रक्रिया में हिस्सा लेने की इजाजत नहीं होगी, जो नीति का एक महत्वपूर्ण सुरक्षात्मक पहलू है।
कोपरा-2026 सीजन के लिए MSP
तीसरा महत्वपूर्ण फैसला कोपरा-2026 (Copra) सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नीतिगत अनुमति देना है। यह निर्णय विशेष रूप से नारियल किसानों के हित में लिया गया है। MSP की घोषणा से किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलने की गारंटी मिलेगी, जिससे उनकी आय में स्थिरता आएगी और वे नारियल की खेती में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। यह कदम देश के नारियल उत्पादक क्षेत्रों में कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगा।