इंडिया / देशभर मानसून कहर जारी यूपी में 80 लोगों की मौत, बिहार में 13 ट्रेनें रद्द

AMAR UJALA : Sep 29, 2019, 02:10 PM
नई दिल्ली | देशभर में लौटता मानसून कहर बनकर गुजर रहा है। यूपी, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल, झारखंड, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। इन राज्यों में पिछले तीन दिनों से भारी बारिश का दौर जारी है। इसके चलते अब तक करीब 80 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। 

सितंबर का आखिरी हफ्ता है और मानसून अपने आखिरी पड़ाव में है। 60 साल में पहली बार इस साल मानसून के 15 दिन की देरी से लौटने का अनुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक इस बार मानसून 15 अक्तूबर तक जारी रह सकता है। 1960 के बाद यह पहली बार है, जब मानसून इतनी देरी से अलविदा कहेगा। 

देश में सामान्य बारिश का औसत लगभग 869 मिमी होता है। लेकिन, अब तक 931.6 मिमी बारिश हो चुकी है। यानी देशभर में अब तक सामान्य से सात फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार, देश के 16 राज्यों में सामान्य जबकि आठ राज्यों में औसत से कम बारिश हुई है।

बिहार बारिश से बेहाल: 15 जिलों में रेड अलर्ट, 13 ट्रेनें रद्द

बिहार बारिश से बेहाल है। भारी बारिश के बाद सड़क से लेकर घरों तक पानी भर गया है। कई जगहों पर रेल ट्रैक पर भी पानी जमा है। राजधानी पटना में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। वहीं, नालंदा मेडिकल कॉलेज में वार्ड और आईसीयू तक में भी पानी भर गया है।

मौसम विभाग ने अगले एक-दो दिनों में भारी बारिश को लेकर प्रदेश के 15 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश की संभावना को देखते हुए नीतीश सरकार ने पटना और भागलपुर समेत अधिकांश जिलों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है। 

पटना जंक्शन के रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने के कारण 13 से ज्यादा ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार छह ट्रेनें रद्द कर दी गईं, जबकि पांच अन्य ट्रेनों का रास्ता बदला गया।

मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि आने वाले एक-दो दिनों तक बिहार के अधिकांश क्षेत्रों में बादल छाए रहेंगे तथा कई क्षेत्रों में भारी बारिश होने की आशंका है। 

बिहार के कई जिलों में लगातार बारिश जारी है। पटना और भागलपुर समेत मुजफ्फरपुर, गया, जमुई, औरंगाबाद, दरभंगा, पूर्णिया, बेतिया, जहानाबाद समेत कई अन्य जिलों में बारिश हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर कई जिलों के जिलाधिकारियों ने अगले दो दिनों तक स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है।

ये ट्रेनें हुईं रद्द

1- गाड़ी संख्या 12317 कोलकाता अमृतसर एक्सप्रेस

2- गाड़ी संख्या 13401 भागलपुर- दानापुर एक्सप्रेस 

3- गाड़ी संख्या 18622 हटिया पटना एक्सप्रेस

4- गाड़ी संख्या 18183 टाटा -दानापुर एक्सप्रेस

5- गाड़ी संख्या 13249 पटना -भभुआ रोड एक्सप्रेस

6- गाड़ी संख्या 15126 पटना-मंडुआडीह एक्सप्रेस 

7- गाड़ी संख्या 15125 मंडुआडीह-पटना एक्सप्रेस

8- गाड़ी संख्या 11105 कोलकाता-झांसी एक्सप्रेस 

9- गाड़ी संख्या 13007 हावड़ा -श्री गंगानगर तूफान एक्सप्रेस

10- गाड़ी संख्या 18184 दानापुर- टाटा एक्सप्रेस

11- गाड़ी संख्या 13402 दानापुर- भागलपुर एक्सप्रेस 

12- गाड़ी संख्या 18621 पटना -हटिया एक्सप्रेस

13- गाड़ी संख्या 13250 भभुआ रोड- पटना एक्सप्रेस 

बिहार में शुक्रवार से हो रही लगातार भारी बारिश ने राज्य के कई हिस्सों में सामान्य जनजीवन को प्रभावित कर दिया है और इसके चलते रेल यातायात, स्वास्थ्य सुविधाएं एवं स्कूल प्रभावित हुए हैं। पटना शहर स्थित उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के निजी मकान, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी के आवास निर्जन द्वीप जैसे प्रतीत हो रहे थे।

मौसम विभाग ने 30 सितंबर तक शहर में भारी बारिश होने का अनुमान जाहिर किया है। पटना जिला प्रशासन ने मंगलवार तक सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर और गर्दनीबाग अस्पताल के परिसर में जलजमाव हो गया।

यूपी में बारिश के कहर ने ली 30 और जिंदगियां

भारी बारिश के चलते तबाही कम होने का नाम नहीं ले रही है। लगातार बारिश से हुए हादसों ने शनिवार को भी प्रदेश में 30 लोगों की जान ले ली। हजारों घर जमींदोज हो गए। कई जिलों में सड़कें बहने और पुल धंसने की खबर है। अकेले अवध में ही एक हजार से अधिक मकान ढह गए। यहां अलग-अलग हादसों में 12 लोगों की मौत हो गई।

उत्तर प्रदेश में मौसम विभाग ने रविवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार बारिश के कारण घर गिरने, पेड़ गिरने तथा सांप के काटने के चलते कई लोगों की मौत हुई है। बयान में कहा गया है कि वर्षाजनित हादसों में पांच लोग घायल भी हुए हैं।

रायबरेली के सहमीपुर गांव चारपाई पर लेटी डेढ़ साल की श्वेता की दीवार गिरने से मौत हो गई। डलमऊ, जगतपुर व फुरसतगंज में भी एक-एक मौतें हुईं। यहां 250 से अधिक मकान ढह गए। वहीं, सीतापुर के महोली क्षेत्र में कच्ची दीवार ढहने से पिता-पुत्र की मौत हो गई। यहां 20 से अधिक आशियाने बारिश से ढह गए।

मिर्जापुर-गाजीपुर में चार-चार, आजमगढ़ में तीन, बलिया में दो और मऊ में एक व्यक्ति की मौत हो गई। पूर्वांचल में बारिश के कहर से तीन दिन में 28 मौतें हो चुकी हैं। पूर्वांचल में भी सैकड़ों घर ढहने के साथ सड़कें बहने की खबर है। जौनपुर में एक दिन में गोमती का जलस्तर पांच फीट बढ़ गया।

चंदौली जिले में पीडीडीयू-पटना रेल रूट पर ट्रैक पर पानी भरने से ट्रेनों का परिचालन बाधित हो रहा है। ट्रैकों पर पानी भर जाने की वजह से पंडित दीनदयाल उपाध्याय पटना रेल रूट बाधित हो गया। इससे शनिवार को स्थानीय स्टेशन पर कई ट्रेनें घंटों खड़ी रही। वहीं बारिश को देखते हुए पटना रूट की ट्रेनों को गया के रूट से चलाया गया। 

वहीं, पटना से चलने वाली चार ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बारिश के चलते बुंदेलखंड-कानपुर में तीन महिलाओं समेत 4 की मौत हो गई। पांच दर्जन से अधिक मकान धराशायी हो गए।

कानपुर में शुक्रवार की बारिश ने 11 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मौसम विभाग से जारी आंकड़ों के अनुसार, 27 सितंबर को तड़के से लेकर देर शाम तक 90 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। इस सीजन में एक दिन में इतनी बारिश भी पहली बार हुई है। 27 सितंबर 2018 को मात्र 5.8 मिमी बारिश हुई थी। इससे पहले 2008 तक बारिश नहीं हुई।

उत्तराखंड: आठ जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने प्रदेश के आठ जिलों देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिले में भारी से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 

शनिवार सुबह से ही देहरादून में रिमझिम बारिश जारी है, वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में भी बादल छाए हुए हैं। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार अभी अक्टूबर के पहले हफ्ते तक यही स्थिति बनी रहेगी। वहीं मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे भी बंद हो गया है। 

थल-मुनस्यारी सड़क मार्ग पर पहाड़ी दरकने से रास्ता बंद हो गया है। शुक्रवार को कुछ घंटों तक वाहनों का आवागमन सुचारु रहा। दिन में एक बजे फिर से पहाड़ी से भारी मात्रा में बोल्डर सड़क पर आ गए। इससे वाहनों का संचालन ठप हो गया। सड़क बंद होने से दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लगी रही। नया बस्ती में लगभग एक सौ मीटर हिस्सा संवेदनशील बना हुआ है। वहीं शनिवार को भी रास्ता अभी बंद ही है। 

शनिवार को लामबगड़ में हुए भूस्खलन से बदरीनाथ हाईवे अवरुद्ध हो गया। इस कारण लगभग 3900 तीर्थयात्री जहां-तहां फंस गए हैं। बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ में हुए भूस्खलन ने शनिवार को फिर मुश्किल पैदा कर दी है।

दोपहर दो बजे बारिश के दौरान अचानक चट्टान से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर हाईवे पर आ गए। मौके पर तैनात पुलिस के जवानों ने हाईवे के दोनों ओर से यात्रा वाहनों की आवाजाही तत्काल रोक दी। इस दौरान बदरीनाथ से लौट रहे 3000 यात्रियों को धाम में ही रोक लिया गया।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER