UP / मुस्लिम महिलाओं ने जमकर खेली होली, कहा- रंगों की लालिमा हमारे पूर्वजों के खून में शामिल

Zoom News : Mar 26, 2021, 05:18 PM
वाराणसी। धर्म और आध्यात्म की नगरी काशी (Kashi) में हर वर्ष की भांति इस बार भी होली (Holi) का रंग चढ़ता नजर आ रहा है। कोरोना वायरस के खौफ के बावजूद वाराणसी (Varanasi) शहर में शुक्रवार को मुस्लिम महिलाओं ने जमकर होली खेली और कहा होली के रंगों की लालिमा हमारे पूर्वजों के खून में शामिल है। लमही के इंद्रेश नगर के सुभाष भवन में विशाल भारत संस्थान एवं मुस्लिम महिला फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में 'गुलाबों और गुलालों वाली होली' कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

भारत की संस्कृति की ध्वजा वाहक महिलाओं ने नफरत की आग लगाने वालों को गुलाब की पंखुड़ियों, ढोल की थाप और रंग-बिरंगे गुलालों से चुनौती दी। मुस्लिम महिलाओं ने होली के गीत गाए 'नफरत मिटाएं दा दिलवा से, मिलो होली का त्यौहार मनावा। हमरे देशवा का त्यौहार वा, विदेशवा तक मनी, कट्टरपंथियन के छाती पर अबकी होलीका जली।' धर्म के नाम पर पूरी दुनिया को हिंसा की आग में झोंकने वाले इस्लामिक कट्टरपंथियों को मुस्लिम महिलाओं ने यह स्पष्ट बता दिया कोई भी भारतीय धर्म से चाहे जो हो जाए लेकिन सांस्कृतिक रूप से एक ही है।

मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि त्यौहार हमें एकता का संदेश देते हैं यही कारण है कि हम मुस्लिम बहने एक साथ मिलकर इस होली पर्व को मनाते हैं ताकि एक एकता का संदेश जाए दुनिया में हिंदू मुस्लिम एक इंसान हैं इन्हें धर्मों में नहीं बांटा जा सकता। महिलाओं ने चेहरे पर गुलाल लगाया, हंसी ठिठोली की, फिजाओं में गुलाब की पंखुड़ियों ने मोहब्बत की महक बिखेरी और दुनियां को यकजहती का संदेश भेजा। ढोल की थाप पर जब होली गीत शुरू हुआ तब गीत में काशी विश्वनाथ के साथ भगवान श्री राम, भगवान श्री कृष्ण को भी मुस्लिम महिलाओं ने शामिल किया। मुस्लिम महिलाओं ने स्वरचित गीत गाया। मुस्लिम महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तस्वीर की आरती उतारी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेता इंद्रेश कुमार की तस्वीर पर गुलाल लगाकर होली खेली।

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