Union Budget 2025 / नायडू-नीतीश और चिराग... NDA सहयोगियों को निर्मला के बजट से क्या-क्या मिला?

मोदी सरकार के 2025 के बजट पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया है। कांग्रेस ने इसे "सहयोगियों का बजट" करार दिया। आंध्र और बिहार को खास तरजीह मिली, जिससे एनडीए सहयोगी खुश दिखे। पोलावरम परियोजना, अमरावती विकास, मखाना बोर्ड और ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जैसी घोषणाएं प्रमुख रहीं।

Vikrant Shekhawat : Feb 01, 2025, 10:30 PM

Union Budget 2025: मोदी सरकार के बजट 2025 को लेकर सियासी घमासान मच गया है। कांग्रेस और विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि यह बजट बिहार और सहयोगियों का बजट बन गया है। संसद में बजट पेश करते समय भी बिहार को लेकर विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया। विपक्षी नेताओं का कहना है कि चुनाव को देखते हुए सरकार बिहार और अन्य सहयोगी दलों को ध्यान में रखकर घोषणाएं कर रही है।

आंध्र और बिहार की केंद्र में बड़ी हिस्सेदारी

2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अकेले दम पर सरकार बनाने में नाकाम रही थी। पार्टी 272 के जादुई आंकड़े से 32 सीटें पीछे रह गई थी, जिसके बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का गठन एनडीए गठबंधन के सहयोग से हुआ।

एनडीए में बिहार और आंध्र प्रदेश का सबसे अधिक प्रभाव है। बिहार में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) सरकार में साझेदार हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और जनसेना पार्टी एनडीए का हिस्सा हैं।

बजट 2025 में सहयोगियों को क्या मिला?

1. आंध्र प्रदेश को बड़ा बजट आवंटन

तेलुगु देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू के पास 16 और जनसेना पार्टी के पवन कल्याण के पास 2 लोकसभा सांसद हैं। इस बार नायडू ने ठोस परियोजनाओं के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता की मांग की थी, जिसे मोदी सरकार ने स्वीकार कर लिया।

  • पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए 30,436 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।

  • आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती के विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

  • आंध्र को न्यूक्लियर सोलम प्रोजेक्ट के तहत भी संभावित हिस्सेदारी मिल सकती है।

2. बिहार को प्रमुख योजनाएं

बिहार में एनडीए के अहम सहयोगी चिराग पासवान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को साधने के लिए बड़ी घोषणाएं की गई हैं।

  • नेशनल फूड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट की स्थापना होगी, जिसकी संभावित लोकेशन जमुई, हाजीपुर या समस्तीपुर हो सकती है।

  • मिथिलांचल क्षेत्र में मखाना बोर्ड का गठन होगा।

  • पटना और बिहटा एयरपोर्ट के विकास के लिए विशेष पैकेज दिया गया है।

  • वेस्टर्न कोसी केनाल परियोजना को फंडिंग मिलेगी, जिससे दरभंगा और मधुबनी क्षेत्र को लाभ होगा।

  • तीन ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट – राजगीर, सोनपुर और भागलपुर में विकसित किए जाएंगे।

3. महाराष्ट्र में एनडीए सहयोगियों को लाभ

  • अजित पवार की मांग पर पुणे मेट्रो परियोजना के लिए 837 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

  • महाराष्ट्र एग्री बिजनेस नेटवर्क (मैग्नेट) परियोजना के लिए 596 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

  • एकनाथ शिंदे के लिए मुंबई मेट्रो को 1,600 करोड़ रुपये और हरित शहरी गतिशीलता परियोजना के तहत 1,094 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।

विपक्ष का हमला और राजनीतिक प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों का आरोप है कि यह बजट आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनावी बजट पेश किया है, जिसमें केवल एनडीए सहयोगियों को प्राथमिकता दी गई है।

हालांकि, सरकार का दावा है कि यह बजट देश के समग्र विकास पर केंद्रित है और सभी राज्यों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। एनडीए के सहयोगियों ने बजट की सराहना की है और इसे विकासोन्मुखी बताया है।

निष्कर्ष

मोदी सरकार का बजट 2025 राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण साबित हुआ है। सहयोगी दलों को संतुष्ट करने के लिए विशेष योजनाएं लाई गई हैं, जिससे सरकार की स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। वहीं, विपक्ष इसे पक्षपातपूर्ण बताते हुए आलोचना कर रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बजट का राजनीतिक प्रभाव आगामी चुनावों पर कैसा पड़ता है।