Nancy Pelosi / चीन की धमकी की परवाह नहीं करने वाली नैंसी पैलोसी की फिसली जुबान, कह दी ऐसी बात

अमेरिकी सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में बनी हुई हैं. पहले उनका ताइवान दौरा काफी सुर्खियों में रहा. इस दौरे के बाद आगबबूला चीन ने अमेरिका और ताइवान को बुरे अंजाम की धमकी दी. चीन का ताइवान सीमा पर युद्ध अभ्यास अब भी जारी है और युद्ध की आशंका बनी हुई है. इस बीच मंगलवार को ताइवान समेत अन्य देशों की यात्रा से लौटने के बाद नैंसी पेलोसी ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में चीन को लेकर ऐसी बात बोल दी

Nancy Pelosi: अमेरिकी सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में बनी हुई हैं. पहले उनका ताइवान दौरा काफी सुर्खियों में रहा. इस दौरे के बाद आगबबूला चीन ने अमेरिका और ताइवान को बुरे अंजाम की धमकी दी. चीन का ताइवान सीमा पर युद्ध अभ्यास अब भी जारी है और युद्ध की आशंका बनी हुई है. इस बीच मंगलवार को ताइवान समेत अन्य देशों की यात्रा से लौटने के बाद नैंसी पेलोसी ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में चीन को लेकर ऐसी बात बोल दी कि सोशल मीडिया पर यह वायरल हो गया. हालांकि बाद में इस गलती को सुधारा गया.

ऐसा क्या कहा नैंसी पेलोसी ने

एनबीसी के 'टुडे' शो में पेलोसी ने ताइवान और चीन को लेकर अपनी बात रखी. बातचीत में उन्होंने कहा कि, "हम अभी भी 'एक चीन' नीति का समर्थन करते हैं. हम वहां अपनी पॉलिसी के तहत यह देखने गए थे कि वहां क्या चल रहा है. वहां कुछ भी विघटनकारी नहीं है. यह केवल कहने के लिए था. चीन दुनिया के सबसे स्वतंत्र समाजों में से एक है. यह फ्रीडम हाउस से है, यह एक मजबूत लोकतंत्र है, वहां साहसी लोग हैं.'

बात बिगड़ते देख इन्होंने संभाला मोर्चा

पेलोसी की इस गलती के बाद उनके बयान का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा. इसके तुरंत बाद उनके डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ  ड्रू हैमिल ने मोर्चा संभाला और उनके बयान को लेकर अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि, "अध्यक्ष यहां ताइवान का उल्लेख करना चाह रही थीं. उनका मकसद यही था. कांग्रेस में 35 वर्षों तक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ बोलने का स्पीकर का रिकॉर्ड नायाब है. वह चीन के समर्थन में नहीं थीं." पेलोसी ने फ्रीडम हाउस का हवाला दिया था, जबकि चीन के साथ ऐसा नहीं है. उन्होंने आगे कहा, "सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने राज्य नौकरशाही, मीडिया, ऑनलाइन भाषण, धार्मिक अभ्यास, विश्वविद्यालयों, व्यवसायों और नागरिक समाज संघों सहित जीवन और शासन के सभी पहलुओं पर अपना पहरा लगा रखा है."