बजट 2020 / सरकारी बैंकों में और पूंजी डालने के ऐलान की संभावना नहीं

आम बजट में संभावना है कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में और पूंजी डालने की घोषणा नहीं करेगी। सूत्रों का कहना है कि इसके बजाय सरकार बैंकों को डूबे कर्ज की वसूली तेज करने और बाजार से कोष जुटाने को प्रोत्साहित करेगी। इसके अलावा 2020-21 में बैंक अपने गैर प्रमुख कारोबार की बिक्री कर भी धन जुटा सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी 2.0 सरकार का आम बजट एक फरवरी को पेश कर सकती हैं।

नई दिल्ली. आम बजट में संभावना है कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में और पूंजी डालने की घोषणा नहीं करेगी। सूत्रों का कहना है कि इसके बजाय सरकार बैंकों को डूबे कर्ज की वसूली तेज करने और बाजार से कोष जुटाने को प्रोत्साहित करेगी। इसके अलावा 2020-21 में बैंक अपने गैर प्रमुख कारोबार की बिक्री कर भी धन जुटा सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी 2.0 सरकार का आम बजट एक फरवरी को पेश कर सकती हैं।

डूबा कर्ज वसूलने पर होगा सरकार का ध्यान

सूत्रों ने कहा कि इस कैलेंडर साल में बैंकों के पास राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) और गैर एनसीएलटी दोनों तरह से निपटान के जरिए डूबा कर्ज वसूल कर सकते हैं। इसके अलावा उनके पास बाजार से भी पूंजी जुटाने की गुंजाइश रहेगी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का प्रावधान कवरेज अनुपात इस समय सात साल के उच्चस्तर 76.6 फीसदी पर है। सूत्रों ने बताया कि कुछ गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के मामले में बैंकों ने 100 फीसदी तक का प्रावधान किया है।

सरकार हिस्सेदारी बेचकर पूंजी जुटा रहे हैं बैंक

सत्रों के मुताबिक, कुछ बैंकों का शेयर मूल्य मजबूत हो रहा है। ऐसे में उनके पास सरकारी हिस्सेदारी बेचने का विकल्प है। देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी अनुषंगियों एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज लि. और यूटीआई म्यूचुअल फंड में अपनी हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी तरह कुछ अन्य सरकारी बैंक भी इसी तरह की प्रक्रिया के जरिए पूंजी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।