PhonePe IPO: देश के स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव के बावजूद, निवेशकों और कंपनियों का भारतीय बाजार पर भरोसा बना हुआ है। इसी विश्वास को और मजबूत करते हुए डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म फोनपे (PhonePe) ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) की तैयारी शुरू कर दी है। इससे पहले, पेटीएम (Paytm) और मोबिक्विक (Mobikwik) जैसी कंपनियां भी अपने आईपीओ ला चुकी हैं।
फोनपे की आईपीओ योजना
अमेरिकी खुदरा दिग्गज वॉलमार्ट (Walmart) के स्वामित्व वाली डिजिटल पेमेंट कंपनी फोनपे जल्द ही शेयर बाजार में अपनी लिस्टिंग कराने जा रही है। कंपनी ने गुरुवार को पुष्टि की कि वह इस दिशा में आवश्यक तैयारियां कर रही है।
कंपनी का मौजूदा वैल्यूएशन
फोनपे ने आखिरी बार 2023 में फंडिंग जुटाई थी, तब इसका वैल्यूएशन 12 अरब डॉलर था। आगामी आईपीओ के लिए इसका मूल्यांकन इसी के आसपास या इससे अधिक हो सकता है। कंपनी के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "हम भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं, जो कंपनी के लिए एक ऐतिहासिक अवसर होगा। वर्ष 2025 में फोनपे को भारत में कार्य करते हुए 10 वर्ष पूरे हो जाएंगे।"
सिंगापुर से भारत का सफर
फोनपे को मूल रूप से फ्लिपकार्ट (Flipkart) ने शुरू किया था और यह सिंगापुर से संचालित होती थी। बाद में वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण कर लिया, जिससे फोनपे भी वॉलमार्ट के स्वामित्व में आ गई। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, भारत में संचालित होने वाली डिजिटल पेमेंट कंपनियों को अपना पूरा डेटा भारत में ही स्टोर करना अनिवार्य होता है।इसी नियम का पालन करते हुए, दिसंबर 2022 में फोनपे ने सिंगापुर से भारत में अपना स्थानांतरण किया। इस प्रक्रिया के तहत कंपनी को भारत सरकार को लगभग 8,000 करोड़ रुपये का टैक्स भुगतान करना पड़ा।
डिजिटल पेमेंट में फोनपे की मजबूत स्थिति
वर्तमान में, भारत में डिजिटल भुगतान का सबसे बड़ा माध्यम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) है। जनवरी 2025 के आंकड़ों के अनुसार, देश में किए गए कुल यूपीआई लेनदेन में से 47% हिस्सेदारी फोनपे के पास थी। इसके बाद गूगल पे (Google Pay) 36% बाजार हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर रही, जबकि पेटीएम का मार्केट शेयर गिरकर 6.78% रह गया।
निष्कर्ष
फोनपे का आईपीओ भारतीय स्टॉक बाजार में निवेशकों के लिए एक नई संभावना लेकर आएगा। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी, मजबूत वित्तीय स्थिति और लगातार बढ़ते डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को देखते हुए, यह आईपीओ निवेशकों के लिए आकर्षक साबित हो सकता है। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि फोनपे की लिस्टिंग भारतीय शेयर बाजार में किस तरह का प्रभाव डालती है।