इंडिया / कुलभूषण जाधव भारत की मांग- बिना किसी अवरोध के कॉन्स्युलर एक्सेस मिले, पाक ने साधी चुप्पी

Dainik Bhaskar : Aug 03, 2019, 10:52 AM
इस्लामाबाद. पाकिस्तान सरकार हाल ही में ऐलान किया था कि वह भारत को नेवी के पूर्व कमांडर कुलभूषण जाधव से मिलने के लिए कॉन्स्युलर एक्सेस देगा। भारत ने पाक के इस प्रस्ताव को स्वीकारने से पहले ही मांग की है राजनायिकों को बिना किसी रोकटोक के जाधव से मिलने दिया जाए। हालांकि, पाक की तरफ से भारत की इस मांग का अब तक कोई जवाब नहीं आया है। 

आईसीजे के आदेश के 14 दिन बाद हुई कॉन्स्युलर एक्सेस की पेशकश

पाक के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने गुरुवार को कहा कि जाधव को शुक्रवार काे राजनयिक संपर्क की सुविधा देने के बारे में हमने भारतीय उच्चायोग को जानकारी दे दी है। भारत की तरफ से जवाब का इंतजार है। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि वह डिप्लोमैटिक चैनल के जरिए ही पाक के प्रस्ताव का जवाब देगा। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने मांग की है कि राजनायिकों को बिना किसी अवरोध के जाधव से मिलने दिया जाए। जबकि पाक की शर्त है कि कॉन्स्युलर एक्सेस के तहत जब भी कोई भारतीय अफसर जाधव से मिलेगा तो उनके साथ एक पाकिस्तानी अधिकारी मौजूद होगा। 

पाक ने विएना संधि का उल्लंघन किया- आईसीजे

आईसीजे के 16 जजों ने 15-1 के बहुमत से कुलभूषण की फांसी की सजा निलंबित कर दी थी। कोर्ट के अध्यक्ष जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने कहा था कि जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से फैसले की समीक्षा और उस पर पुनर्विचार नहीं कर लेता, फांसी पर रोक जारी रहेगी।

कोर्ट के अध्यक्ष सोमालिया के जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने फैसला पढ़ा। उन्होंने 42 पन्नों के फैसले में कहा कि पाकिस्तान जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से अपने फैसले की समीक्षा और पुनर्विचार नहीं कर लेता है, तब तक कुलभूषण की फांसी पर रोक रहेगी।

आईसीजे ने कहा- पाकिस्तान ने कुलभूषण के साथ भारत की बातचीत और कॉन्स्यूलर एक्सेस के अधिकार को दरकिनार किया। पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण के लिए कानूनी प्रतिनिधि मुहैया कराने का मौका नहीं दिया। पाक ने विएना संधि के तहत कॉन्स्यूलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन किया।

जजों ने कहा- पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव के साथ बातचीत और मुलाकात के अधिकार से वंचित रखा। भारत ने कई बार कॉन्स्यूलर एक्सेस के लिए अपील की, जिस पाकिस्तान ने ठुकरा दिया। यह एक निर्विवाद तथ्य है कि पाकिस्तान ने भारत की अपील नहीं मानी।

"पाकिस्तान विएना संधि के तहत कुलभूषण की गिरफ्तारी और उसके कारावास के संबंध में भारत को जानकारी देने के लिए बाध्य था। पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी की जानकारी देने में तीन हफ्ते की देरी कर दी, यह भी विएना संधि की शर्तों का उल्लंघन है। पाकिस्तान यह नहीं स्पष्ट कर पाया कि कथित तौर पर भारत की किसी गड़बड़ी की वजह से उसने खुद को संधि की शर्तों को पूरा करने से खुद को रोक लिया।'

अंतरराष्ट्रीय कानूनी सलाहकार रीमा ओमेर ने कहा- कोर्ट ने यह भी कहा कि पाकिस्तान आर्टिकल 36(1) यानी कॉन्स्यूलर एक्सेस दिए जाने के उल्लंघन के संदर्भ में अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।

जाधव के खिलाफ पाक सेना के ट्रायल को भारत ने चुनौती दी

भारत ने मई 2017 में आईसीजे के सामने यह मामला उठाया था। पाकिस्तान पर जाधव को काउंसलर न मुहैया करवाने का आरोप लगाया। भारत ने जाधव (48) के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के ट्रायल को भी चुनौती दी। आईसीजे ने 18 मई 2017 को पाकिस्तान पर जाधव के खिलाफ फैसला आने तक किसी भी तरह की कार्रवाई किए जाने को लेकर रोक लगाई।

फरवरी में अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने इस मामले में चार दिन सुनवाई की थी। इस दौरान भारत-पाकिस्तान ने अपनी-अपनी दलीलें दीं। भारत ने अपने केस का आधार दो बड़ी बातों को बनाया। इनमें वियना संधि के अंतर्गत काउंसलर एक्सेस और मामले को हल करने की प्रक्रिया शामिल है।

पाक ने कहा- जाधव बिजनेसमैन नहीं, बल्कि जासूस

भारत ने कहा- जाधव की मौत की सजा रद्द की जाए। उन्हें तुरंत रिहा करने के आदेश दिए जाएं। पाकिस्तानी सेना के द्वारा सुनाया गया फैसला पूरी तरह से हास्यास्पद है। इस पर पाक ने कहा था कि भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव एक बिजनेसमैन नहीं बल्कि एक जासूस है। पाक ने दावा कि हमारी सेना ने 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान से जाधव को गिरफ्तार किया था। वह ईरान से पाकिस्तान में दाखिल हुआ था।

भारत ने कहा- जाधव को ईरान से किडनैप किया गया

भारत के मुताबिक, जाधव को ईरान से किडनैप किया गया। जाधव वहां नौसेना से रिटायर होने के बाद बिजनेस करने की कोशिश में थे। पाकिस्तान ने आईसीजे के समक्ष की गई भारत की याचिका को नकार दिया। इसमें भारत ने जाधव के लिए काउंसलर एक्सेस की मांग की थी।

पाकिस्तान ने जाधव के कथित कबूलनामे के दो वीडियो जारी किए थे। इन वीडियो में कट नजर आए थे। इसमें कोई सवाल-जवाब नहीं था। सिर्फ बयान था।

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