- भारत,
- 28-Jul-2025 03:18 PM IST
Operation Sindoor: संसद के मानसून सत्र में सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर एक विशेष चर्चा हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सैन्य कार्रवाई के महत्व और इसके परिणामों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत की संप्रभुता, अस्मिता और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति सरकार की जिम्मेदारी का प्रतीक थी।
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य और कार्यान्वयन
रक्षा मंत्री ने बताया कि 6 और 7 मई 2025 को भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत एक ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन से पहले हर पहलू का गहराई से अध्ययन किया गया था। रक्षा मंत्री ने कहा, "हमारे पास कई विकल्प थे, लेकिन हमने वह रास्ता चुना जिसमें आतंकवादियों और उनके ठिकानों को अधिकतम नुकसान हो और पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति न पहुंचे।"
इस ऑपरेशन में भारतीय सेनाओं ने 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक, हैंडलर और सहयोगी मारे गए। ये आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों से संबंधित थे, जिन्हें पाकिस्तान की सेना और ISI का खुला समर्थन प्राप्त है।
भारतीय सेना की बहादुरी को नमन
रक्षा मंत्री ने कहा, "मैं इस सदन के माध्यम से उन वीर सपूतों को नमन करता हूं, जो इस राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा के लिए सदैव तैयार रहते हैं। साथ ही, मैं उन सैनिकों की स्मृति को भी नमन करता हूं, जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता के लिए बलिदान दिया।"
पाकिस्तान का असफल जवाबी हमला
रक्षा मंत्री ने बताया कि 10 मई 2025 को रात 1:30 बजे पाकिस्तान ने भारत पर मिसाइल, ड्रोन, रॉकेट और अन्य लंबी दूरी के हथियारों से हमला किया। हालांकि, भारतीय सेनाओं के एयर डिफेंस सिस्टम, काउंटर ड्रोन सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों ने इस हमले को पूरी तरह नाकाम कर दिया। राजनाथ सिंह ने गर्व के साथ कहा, "पाकिस्तान हमारे किसी भी टारगेट को हिट नहीं कर पाया। हमारी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी।"
इसके जवाब में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के हवाई अड्डों, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स, सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर और एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया। भारतीय थल सेना ने नियंत्रण रेखा पर मजबूती से मोर्चा संभाला और पाकिस्तान की हर हरकत का करारा जवाब दिया।
ऑपरेशन सिंदूर: त्रि-सेवा समन्वय का उदाहरण
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को Tri Services Coordination का शानदार उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, "जब वायुसेना ने आसमान से हमले किए, थल सेना ने जमीन पर मोर्चा संभाला और नौसेना ने समुद्र में अपनी ताकत दिखाई।" इस ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकी ठिकानों और उनके समर्थकों को नष्ट करना था, साथ ही यह संदेश देना था कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाता है।
ऑपरेशन क्यों रोका गया?
रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत ने ऑपरेशन इसलिए रोका क्योंकि सभी राजनीतिक और सैन्य उद्देश्य पूरे हो चुके थे। उन्होंने कहा, "यह कहना कि ऑपरेशन किसी दबाव में रोका गया, बेबुनियाद और गलत है।" ऑपरेशन का मकसद उन मासूम परिवारों को न्याय दिलाना था, जिन्होंने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमलों में अपने प्रियजनों को खोया।
विपक्ष के सवालों का जवाब
विपक्ष द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "विपक्ष पूछता है कि हमारे कितने विमान गिरे? उनका यह सवाल राष्ट्रीय भावनाओं का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता। उन्हें यह पूछना चाहिए कि हमारी सेनाओं ने दुश्मन के कितने ठिकाने नष्ट किए।" उन्होंने दोहराया कि भारत ने आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह किया।
पाकिस्तान की हार
रक्षा मंत्री ने बताया कि 10 मई को पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क कर सैन्य कार्रवाइयों को रोकने की अपील की। 12 मई को दोनों देशों के बीच औपचारिक संवाद हुआ और सैन्य कार्रवाइयों पर विराम लगाने का निर्णय लिया गया। राजनाथ सिंह ने कहा, "भारतीय सेनाओं के जबरदस्त हमलों और नियंत्रण रेखा पर मजबूत जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान को झुकने पर मजबूर कर दिया। यह उनकी सैन्य और मनोबल दोनों की हार थी।"
