One Nation One Ration Card / भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण इन राज्यों के लोग आज से उठाएंगे मोदी सरकार के इस योजना का लाभ

News18 : Sep 01, 2020, 06:50 AM
नई दिल्ली। मोदी सरकार (Modi Government) की वन नेशन वन राशनकार्ड (One Nation One Ration Card) योजना में आज से दो और नए राज्य शामिल हो गए हैं। देश के दो केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप (Lakshadweep) और लद्दाख (Ladakh) 1 सिंतबर 2020 से पीएम मोदी (PM Modi) की इस महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा बन गए। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने पिछले महीने ही सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में मणिपुर, नागालैंड, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड को जुड़ने का ऐलान किया था। अब देश में कुल 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी की सुविधा उपलब्ध हो गई है। देश के इन 26 राज्यों में बाहर के रहने वाले लोग अब इस योजना के जरिए अपने हिस्से का रशन ले सकेंगे।


लक्षद्वीप और लद्दाख में रहने वाले बाहर के लोगों को मिलेगा लाभ

बता दें कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अबतक 24 राज्यों के 65 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत लाभ मिला है। अब 1 सिंतबर 2020 से इन दो केंद्रशासित प्रदेशों में रहने वाले दूसरे राज्य के लोग भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। इस योजना के जरिए आप कहीं भी निवास करते हों आपको अपने हिस्से का अनाज प्राप्त करने की सुविधा होगी। जिससे दूसरे राज्यों में काम करने वाले लाभान्वित होंगे।

क्या है राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी

जिस तरह मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) करते हैं, वैसे ही अब राशन कार्ड को भी पोर्ट कराया जा सकेगा। मोबाइल पोर्ट में आपका नंबर नहीं बदलता है और आप देशभर में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी तरह, राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी में आपका राशन कार्ड नहीं बदलेगा। मतलब ये कि एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं तो अपने राशन कार्ड का इस्तेमाल करके दूसरे राज्य से भी सरकारी राशन खरीद सकते हैं।

31 मार्च, 2021 तक जुड़ेंगे सभी राज्य

देश में 31 मार्च 2021 तक 81 करोड़ से भी ज्यादा लाभार्थियों को इस योजना से जोड़ने का प्लान है। इस योजना से जुड़ने के बाद देश की आधी आबादी से ज्यादा लोगों को लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि 31 मार्च 2021 तक देश के सभी राज्यों को वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से जोड़ दिया जाए। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले सभी 81 करोड़ लाभार्थियों को इसका लाभ फिर से आसानी से मिल सकेगा।

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