Petrol-Diesel Price / नहीं सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल, सरकार की प्लानिंग यहां हो गई फेल!

Zoom News : Jan 07, 2024, 08:47 AM
Petrol-Diesel Price: जी हां, भूल जाइए साल 2024 में पेट्रोल और डीजल सस्ता होने जा रहा है. फिर चाहे लोकसभा चुनाव ही क्यों ना हो. जो परिस्थितियां बन गई हैं, उससे लगता नहीं कि सरकार और ऑयल कंपनियों के बीच आने वाले महीनों में पेट्रोल और डीजल को सस्ता करने में आम सहमति बन पाएगी. सरकार की प्लानिंग इस तरह फेल हो गई है कि उसे समझ नहीं आ रहा कि आगे किया क्या जाए? वास्तव में गोल्डमैन शैक्स के अधिकारियों की चेताववनी ने भारत सरकार को परेशान करके रख दिया है जिसमें कहा गया है कि साल 2024 में कच्चे तेल के दाम डबल हो सकते हैं. यह ​परिस्थिति लाल सागर की लहरों से आ रही संकट की वजह से हैं. जहां पर हूती आतंकी ग्रुप का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है. ​हूतियों को ईरान का लगातार समर्थन मिल रहा है. तो आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर गोल्डमैन शैक्स ने इस बारे में किस तरह की चेतावनी जाहिर की है?

गोल्डमैन शैक्स की चेतावनी

गोल्डमैन शैक्स ने चेतावनी दी है कि होर्मुज स्ट्रेट तक पहुंचने वाले हू​ती विद्रोहियों की वजह से तेल की कीमतें दोगुनी हो सकती हैं. हाल ही में अमेरिकी टेलीविजन स्टेशन सीएनबीसी को दिए एक इंटरव्यू में, कंपनी के ऑयल रिसर्च सेक्शन के प्रमुख डैन स्ट्रूवेन ने कहा कि लाल सागर एक ट्रांजिट रूट है. यहां लंबे समय तक व्यवधान के कारण कच्चे तेल की कीमत में तीन या चार डॉलर का इजाफा हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर होर्मुज स्ट्रेट एक महीने तक बंद रहता है तो तेल की कीमतें 20 फीसदी बढ़ जाएंगी और अगर वहां परेशानी लंबे समय तक रही तो कीमतें दोगुनी भी हो सकती है. इसका मतलब है कि कच्चे तेल के दाम 155 से 160 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं.

हमलों को रोकना होगा

हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री और अब विदेश सचिव डेविड कैमरन ने स्काई न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि हमलों को रोकना काफी जरूरी हो गया है. उन्होंने कहा, यह सिर्फ ब्रिटिश हित नहीं है, यह वैश्विक है. उन्होंने कहा कि ये हमले अवैध हैं. उन्हें रोका होगा और यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो कार्रवाई की जाएगी. नवंबर के बाद से, विद्रोहियों ने मिसाइलों, ड्रोन, नौकाओं और हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके 20 से अधिक बार लाल सागर में कमर्शियल शिपिंग पर हमला किया है.

अमेरिकी ऑपरेशन से हूतियों को जवाब

जवाब में, अमेरिका ने दिसंबर में कमर्शियल ट्रैफिक की सुरक्षा को देखते हुए लाल सागर और अदन की खाड़ी में गश्त बढ़ाने के लिए ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन का ऐलान किया और जिसमें यूके, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के जहाज भी शामिल हैं. दिसंबर में कार्रवाइयों के कारण तेल की कीमतों में कभी-कभी मामूली बढ़ोतरी देखी गई, लेकिन ओवरऑल बाजार नरम रहने की वजह से अस्थिरता काफी हद तक कम रही है.

वहीं दूसरी ओर दुनिया की प्रमुख शिपर्स ने इस रास्ते का यूज करने से इनकार कर दिया है. यूरोप की दो सबसे बड़ी शिपिंग कंपनियों मेर्स्क और हापाग लॉयड ने लाल सागर और स्वेज नहर रूट का उपयोग करने से इनकार कर दिया है, पिछले सप्ताह के अंत में विद्रोहियों ने एक जहाज पर हमला किया था.

भारत पर असर

अगर गोल्डमैन की भविष्यवाणी सच होती है तो भारत पर इसका काफी गहरा असर देखने को मिल सकता है. मार्च 2022 में जिस से कच्चे तेल की कीमत बढ़ने के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमत में इजाफा देखने को मिला था. एक बार फिर से दाम बढ़ सकते हैं. उस समय कच्चे तेल की कीमत करीब 140 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी. इस बार अनुमान मौजूदा लेवल से डबल यानी 155 डॉलर से 160 डॉलर पहुंचने का लगाया जा रहा है. इसका मतलब है कि देश के सभी इलाकों में पेट्रोल और डीजल के दाम नए लेवल पर पहुंच जाएगा. जिससे देश में महंगाई में इजाफा होगा.

मौजूदा समय में क्या कच्चे तेल की कीमत

मौजूदा समय में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे है. इसका प्रमुख कारण डिमांड में कमी है. खाड़ी देशों में कच्चे तेल के दाम 78.76 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत 73.81 डॉलर प्रति बैरल है. इन दोनों में 26 दिसंबर के बाद से 5 से 7 फीसदी प्रति बैरल का इजाफा देखने को मिल चुका है. आने वाले दिनों में इसमें और भी ज्यादा तेजी देखने को मिल सकती है. अब देखने वाली बात होगी कि मिडिल ईस्ट टेंशन और लाल सागर संकट कच्चे तेल की कीमतों में कहा तक लेकर जाते हैं.

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