प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चार दिवसीय विदेश यात्रा के अंतिम चरण में इथियोपिया से ओमान के लिए रवाना हो गए हैं। यह यात्रा जॉर्डन और इथियोपिया के सफल दौरों के बाद हो रही है, जहां उन्होंने विभिन्न द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया और इथियोपिया में, प्रधानमंत्री मोदी को वहां के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली ने व्यक्तिगत रूप से विदाई दी, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते सौहार्दपूर्ण संबंधों का प्रतीक है। अबी अहमद अली ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उन्हें फिर से मिलने का अवसर मिलेगा और दोनों राष्ट्र हमेशा ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों से जुड़े रहेंगे। यह विदाई एक महत्वपूर्ण संकेत है कि भारत और इथियोपिया। के संबंध अब एक नए मुकाम पर पहुंच गए हैं।
भारत-इथियोपिया संबंधों को मिली 'रणनीतिक साझेदारी' की ऊंचाई
प्रधानमंत्री मोदी की पूर्वी अफ्रीकी राष्ट्र की यह पहली यात्रा थी, जिसने दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को 'रणनीतिक साझेदारी' के स्तर तक पहुंचाया। इस दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने इथियोपियाई प्रधानमंत्री अबी अहमद अली के साथ व्यापक वार्ता की, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न क्षेत्रों में कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) का आदान-प्रदान हुआ। इन समझौतों में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के प्रशिक्षण, सीमा शुल्क मामलों में पारस्परिक प्रशासनिक सहायता और इथियोपिया के विदेश मंत्रालय में डेटा सेंटर की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल थे। इन समझौतों से दोनों देशों के बीच सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे और आपसी समझ को बढ़ावा मिलेगा।
विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और समर्थन की घोषणा
द्विपक्षीय वार्ता के दौरान, दोनों पक्षों ने कई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं। इनमें जी20 के तहत ऋण पुनर्गठन, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) द्वारा अधिक छात्रवृत्तियां प्रदान करना, इथियोपियाई लोगों के लिए। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में लघु कोर्स की शुरुआत और मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य देखभाल के लिए भारत का समर्थन शामिल है। ये पहलें इथियोपिया के विकास में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं और मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य तथा आर्थिक स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देंगी और यह दर्शाता है कि भारत केवल आर्थिक संबंधों पर ही नहीं, बल्कि सामाजिक और मानवीय विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।
इथियोपिया का सर्वोच्च सम्मान और हरित पहल
प्रधानमंत्री मोदी ने इथियोपियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया, जहां उनके भाषण ने सांसदों को भाव-विभोर कर दिया। संसद में उपस्थित हर कोई प्रधानमंत्री मोदी से हाथ मिलाने और उन्हें सुनने के लिए उत्सुक दिखाई दिया। उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि कई सांसदों ने प्रधानमंत्री के हाथों को प्यार से चूम लिया। अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और इथियोपिया को क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और कनेक्टिविटी में "प्राकृतिक साझेदार" बताया। यह उल्लेखनीय है कि इथियोपिया दुनिया की 18वीं ऐसी संसद है जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित किया है, जो वैश्विक मंच पर उनकी बढ़ती स्वीकार्यता और प्रभाव को दर्शाता है। पीएम मोदी ने एक्स पर भी इस अनुभव को साझा करते हुए कहा कि इथियोपियाई संसद को संबोधन के बाद मंत्रियों और सांसदों से बातचीत करके उन्हें प्रसन्नता हुई।
अपनी इथियोपिया यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान "द ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया" से सम्मानित किया गया। यह सम्मान प्राप्त करने वाले वह पहले वैश्विक राष्ट्राध्यक्ष हैं, जो भारत और इथियोपिया के बीच गहरे होते संबंधों और भारत के वैश्विक कद को दर्शाता है। सम्मान समारोह के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने इथियोपियाई पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव्स हाउस में 'एक पेड़ मां के नाम' पहल और इथियोपिया की ग्रीन लेगेसी पहल के तहत एक पौधा भी रोपा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक्स पोस्ट में इस पल को "दो राष्ट्र, दो परंपराएं,। एक साझा वादा - मां पृथ्वी का सम्मान और हरित भविष्य का निर्माण" के रूप में वर्णित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को इथियोपिया यात्रा के परिणामों पर जोर देते हुए कई समझौतों पर हस्ताक्षर को "विकास और जन-केंद्रित विकास" पर केंद्रित द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में "महत्वपूर्ण" कदम बताया।
ओमान में प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम
इथियोपिया से रवाना होने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी अब ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक के निमंत्रण पर वहां की यात्रा कर रहे हैं। ओमान में, प्रधानमंत्री मोदी सुल्तान हैथम बिन तारिक के साथ दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के साथ-साथ मजबूत व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे और यह यात्रा दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 70 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है और दिसंबर 2023 में सुल्तान तारिक की भारत की राजकीय यात्रा के बाद हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ओमान में भारतीय प्रवासी समुदाय को भी संबोधित करेंगे, जो उनकी ओमान की दूसरी यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यह यात्रा दोनों पक्षों को व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, कृषि और संस्कृति सहित द्विपक्षीय साझेदारी की व्यापक समीक्षा करने और पारस्परिक हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगी। यह यात्रा भारत की 'एक्ट वेस्ट' नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और खाड़ी क्षेत्र के साथ संबंधों को और गहरा करने का प्रयास है।