Zoom News : Sep 08, 2022, 07:49 PM
PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ देर में इंडिया गेट के सामने सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन करेंगे। वे ठीक शाम 7 बजे कर्तव्य पथ पहुंचे और नेताजी सुभाषचंद्र प्रतिमा का अनावरण किया। यह कार्यक्रम 90 मिनट चलेगा। 19 महीने तक लगातार चले काम के बाद सेंट्रल विस्टा एवेन्यू बनकर तैयार हुआ है। उद्घाटन से एक दिन पहले तक सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में काम चलता रहा। एक सुपरवाइजर ने बताया कि जल्द काम पूरा करना है, इसलिए 24 घंटे मजदूर लगे हुए हैं। 9 सितंबर से लोग यहां घूम सकेंगे।शाम 7 बजे: पीएम मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति का अनावरण किया। यह 28 फीट ऊंची प्रतिमा है।सड़क के दोनों और शॉप, राज्यों के फूड स्टॉल खुलेंगेविस्टा यानी दिलकश नजारा। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक राजपथ के इर्द-गिर्द का इलाका हरे-भरे पेड़ों, नहरों और पार्कों से घिरा है। ये पहले से खूबसूरत था, अब और भी दिलकश हो गया है।इंडिया गेट के दोनों तरफ नई शॉप बनी हैं, जिनमें अलग-अलग राज्यों के फूड स्टॉल होंगे। टूरिस्ट पहले की तरह अब लॉन में बैठकर घर से लाया खाना नहीं खा सकेंगे। इसके अलावा वेंडर भी खास जोन में ही स्टॉल लगा सकेंगे। दो नई पार्किंग में 1100 से ज्यादा गाड़ियां पार्क की जा सकेंगीं। निगरानी के लिए 300 से ज्यादा CCTV कैमरे लगाए गए हैं।10 महीने देर से पूरा हुआ प्रोजेक्टसेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (CPWD) ने सेंट्रल एवेन्यू रि-डेवलपमेंट के लिए जनवरी 2021 में 502 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला था। यह काम 487.08 करोड़ रुपए की बिड पर शापूरजी पालोनजी कंपनी को मिला।कंपनी ने 4 फरवरी 2021 से यहां काम शुरू किया था। शर्तों के मुताबिक काम 300 दिनों के अंदर यानी नवंबर तक किया जाना था, लेकिन इसमें 10 महीने की देरी हो गई।कोरोना के दौरान लगे लॉकडाउन में सभी कंस्ट्रक्शन वर्क रुक गए थे, तब भी सेंट्रल विस्टा का काम चलता रहा। मामला कोर्ट में गया तो CPWD ने तर्क दिया था कि प्रोजेक्ट का काम नवंबर 2021 तक पूरा किया जाना है, इसलिए इसे रोका नहीं जा सकता। यहां गणतंत्र दिवस की परेड भी होनी है। उसमें भी देरी नहीं की जा सकती।नया संसद भवन तैयार, फिनिशिंग का काम बाकीसेंट्रल विस्टा रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत तिकोने आकार का नया संसद भवन तैयार है। इसकी फिनिशिंग का काम चल रहा है। राजपथ से सटे शास्त्री भवन, उद्योग भवन, रेल भवन, विज्ञान भवन और इंदिरा गांधी नेशनल म्यूजियम अब यादों का हिस्सा हो जाएंगे। इनकी जगह नई इमारतें लेंगी।2019 में प्रोजेक्ट शुरू हुआ, 20 हजार करोड़ लागतप्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक कई इमारतों का रि-डेवलपमेंट और कंस्ट्रक्शन हो रहा है। इसमें नया संसद भवन, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक बिल्डिंग होगी, मंत्रालय के ऑफिसों के लिए केंद्रीय सचिवालय, प्रधानमंत्री आवास, उप राष्ट्रपति आवास शामिल हैं।अभी जो संसद भवन है, उसके सामने संसद की नई बिल्डिंग बनी है। चार मंजिला ये इमारत 13 एकड़ में है। प्रधानमंत्री आवास करीब 15 एकड़ में होगा। सितंबर 2019 में इस प्रोजेक्ट की घोषणा की गई। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी। पूरे प्रोजेक्ट की लागत 20 हजार करोड़ रुपए है।सेंट्रल विस्टा यानी राजपथ के दोनों तरफ का इलाकासेंट्रल विस्टा राजपथ के दोनों तरफ का इलाका है। इसके तहत राष्ट्रपति भवन, संसद, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, उप राष्ट्रपति आवास आता है। नेशनल म्यूजियम, नेशनल आर्काइव्ज, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स, उद्योग भवन, बीकानेर हाउस, हैदराबाद हाउस, निर्माण भवन और जवाहर भवन भी सेंट्रल विस्टा का ही हिस्सा हैं।जुलाई में अशोक स्तंभ की कांस्य प्रतिमा का अनावरण हुआप्रधानमंत्री मोदी ने 11 जुलाई को नए संसद भवन की छत पर अशोक स्तंभ की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया था। यह प्रतिमा 6.5 मीटर ऊंची और 9500 किलो वजन की है। इसे सपोर्ट करने के लिए स्टील का लगभग 6500 किलोग्राम वजनी सिस्टम भी बना है।प्रोजेक्ट पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट में लगी थी याचिका
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। हालांकि कोर्ट ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। पिटिशनर का कहना था कि इस प्रोजेक्ट के तहत लैंड यूज में अवैध तरीके से बदलाव किया गया है। इस पर सुनवाई कर रहे जस्टिस बोबडे ने कहा था कि स्टे लगाने की जरूरत नहीं है।सेंट्रल विस्टा की कहानी 111 साल पुरानी: अंग्रेजों ने दिल्ली को राजधानी बनाया, तब बनने की शुरुआत हुई, 1931 में उद्घाटनसेंट्रल विस्टा यानी राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैला 3.2 किलोमीटर का एरिया। इसकी कहानी 111 साल पुरानी है। तब बंगाल में विरोध बढ़ने पर किंग जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली शिफ्ट की थी। दिल्ली में सेंट्रल विस्टा बनाने का जिम्मा मशहूर आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को मिला। 1931 में इसका उद्घाटन किया गया।आजादी के बाद इस पर दोबारा काम शुरू हुआ। इसके बाद 2020 में री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की डिजाइन तैयार की गई। ये डिजाइन डॉ. बिमल पटेल ने एक सेमिनार में शेयर की थी। सेंट्रल विस्टा कैसे बना था, ग्राफिक के जरिए जानिए
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। हालांकि कोर्ट ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। पिटिशनर का कहना था कि इस प्रोजेक्ट के तहत लैंड यूज में अवैध तरीके से बदलाव किया गया है। इस पर सुनवाई कर रहे जस्टिस बोबडे ने कहा था कि स्टे लगाने की जरूरत नहीं है।सेंट्रल विस्टा की कहानी 111 साल पुरानी: अंग्रेजों ने दिल्ली को राजधानी बनाया, तब बनने की शुरुआत हुई, 1931 में उद्घाटनसेंट्रल विस्टा यानी राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैला 3.2 किलोमीटर का एरिया। इसकी कहानी 111 साल पुरानी है। तब बंगाल में विरोध बढ़ने पर किंग जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली शिफ्ट की थी। दिल्ली में सेंट्रल विस्टा बनाने का जिम्मा मशहूर आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को मिला। 1931 में इसका उद्घाटन किया गया।आजादी के बाद इस पर दोबारा काम शुरू हुआ। इसके बाद 2020 में री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की डिजाइन तैयार की गई। ये डिजाइन डॉ. बिमल पटेल ने एक सेमिनार में शेयर की थी। सेंट्रल विस्टा कैसे बना था, ग्राफिक के जरिए जानिए