Denmark / पीएम मोदी की रूस और यूक्रेन से तुरंत युद्ध रोकने की अपील, बातचीत एवं कूटनीति पर दिया जोर

Zoom News : May 03, 2022, 09:08 PM
कोपेनहेगन।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को यूक्रेन (Ukraine) में तत्काल युद्ध विराम की अपील की और संकट के समाधान के लिए बातचीत एवं कूटनीति के रास्ते पर लौटने की जरूरत बताई। इस दौरान डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडेरिक्सेन ने उम्मीद जताई कि भारत युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेगा। मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने यूक्रेन के संकट पर चर्चा की और यूक्रेन में ‘तत्काल युद्ध विराम’ की अपील की।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने यूक्रेन में तत्काल युद्ध विराम करने और संकट के समाधान के लिए संवाद एवं कूटनीति के रास्ते पर लौटने की अपील की।’ फ्रेडेरिक्सेन ने उम्मीद जताई कि भारत रूस पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेगा। उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से ‘जंग समाप्त करने तथा लोगों की हत्याएं रोकने’ को कहा। उन्होंने कहा, ‘मेरा संदेश बहुत साफ है कि पुतिन को यह जंग रोकनी होगी और लोगों की जान लेना बंद करना होगा। जाहिर तौर पर मुझे उम्मीद है कि भारत इस बातचीत में रूस पर भी दबाव बनाएगा।’

पीएम मोदी मंगलवार को कोपेनहेगन पहुंचे और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए फ्रेडरिकसन के साथ बातचीत की। प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी हुई और कुछ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। मोदी ने एक बयान में कहा कि उन्हें खुशी है कि विभिन्न क्षेत्रों में ‘महत्वपूर्ण विकास’ हुए हैं, विशेष रूप से अक्षय ऊर्जा, स्वास्थ्य, बंदरगाह, शिपिंग, सर्कुलर अर्थव्यवस्था और जल प्रबंधन में। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में 200 से अधिक डेनिश कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, “इन कंपनियों को भारत में कारोबार करने में आसानी हो रही है और आर्थिक सुधारों से फायदा हो रहा है।”

बयान के अनुसार, “दोनों पक्षों ने हरित रणनीतिक साझेदारी में प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कौशल विकास, जलवायु, नवीकरणीय ऊर्जा, आर्कटिक, पी2पी संबंधों और अन्य मुद्दों के क्षेत्रों में हमारे व्यापक सहयोग पर भी चर्चा की।” मोदी ने डेनमार्क की राजधानी पहुंचने के बाद एक ट्वीट में कहा, “मैं गर्मजोशी से स्वागत के लिए पीएम फ्रेडरिकसन का बहुत आभारी हूं। यह यात्रा भारत-डेनमार्क संबंधों को और मजबूत करने में एक लंबा सफर तय करेगी।

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