देश / गुजरात पहुंचे PM मोदी,रखेंगे सबसे बड़े रिन्यूवेबल एनर्जी पार्क का आधार

Zoom News : Dec 15, 2020, 02:31 PM
कच्छ | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के कच्छ के ढोर्दो पहुंचे गए हैं और यहां वे राज्य में कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 दिसंबर, 2020 को कच्छ के गुजरात के ढोर्दो की यात्रा करेंगे और राज्य में कई विकास परियोजनाओं के आधारशिला रखेंगे। इन परियोजनाओं में एक डीजलीनेशन प्लांट, एक हाइब्रिड रिन्युवेबल एनर्जी पार्क, और एक पूरी तरह से ऑटोमेटिक मिल्क प्रोसेसिंग और पैकिंग प्लांट" शामिल हैं।  प्रधानमंत्री सफेद रण की यात्रा भी करेंगे, इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखेंगे।

अपनी विशाल कोस्टलाइन का उपयोग करते हुए, गुजरात, कच्छ के मांडवी में बनने जा रहा डीजलीनेशन प्लांट समुद्री जल को पीने के पानी में बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। पीएमओ ने कहा कि 10 मिलियन लीटर प्रति दिन की क्षमता (100 एमएलडी) वाला यह डिसेलिनेशन प्लांट गुजरात में नर्मदा ग्रिड, सौनी नेटवर्क और ट्रीटेड वेस्ट-वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर को सप्लीमेंट कर पानी की सुरक्षा को मजबूत करेगा।

गुजरात के कच्छ जिले के विगहाकोट गाँव के पास हाइब्रिड रिन्यूवेबल एनर्जी पार्क देश का सबसे बड़ा रिन्यूवेबल एनर्जी पार्क होगा। यह अक्षय ऊर्जा के उत्पादन को 30 गीगावॉट की ट्यून तक ले जाएगा। 72,600 हेक्टेयर भूमि पर फैले इस पार्क में पवन और सौर ऊर्जा भंडारण के लिए एक समर्पित हाइब्रिड पार्क क्षेत्र होगा, साथ ही साथ पवन पार्क गतिविधियों के लिए एक विशेष क्षेत्र भी होगा। 

प्रधानमंत्री सरहद डेयरी अंजार, कच्छ में पूरी तरह से स्वचालित दूध प्रोसेसिंग और पैकिंग सिस्टम की आधारशिला भी रखेंगे। इस संयंत्र की लागत 121 करोड़ रुपये होगी और इसमें प्रतिदिन 2 लाख लीटर दूध को संसाधित करने की क्षमता होगी। 

इसके अलावा पीएम मोदी कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के बीच वह कच्छ के कृषक समुदाय के अलावा गुजरात के सिख किसानों से भी मुलाकात करेंगे। एक आधिकारिक बयान में सोमवार को यह जानकारी दी गई। आज लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 70वीं पुण्यतिथि हैं, प्रधानमंत्री के गुजरात दौरे को इससे जोड़ कर भी देखा जा रहा है। पटेल ने 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में एक किसान परिवार के यहां जन्म लिया था और पूरे देश में एकता का प्रतीक बने थे।

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