News18 : Jan 17, 2020, 12:55 PM
चंडीगढ़। केरल के बाद, पंजाब विधानसभा नागरिकता संशोधन कानून को हटाने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव लाने के लिए तैयार है। पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh), आज नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ प्रस्ताव लाएंगे। जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या सरकार अधिनियम के खिलाफ केरल की तर्ज पर एक प्रस्ताव लाएगी, इस सवाल पर अमरिंदर सिंह ने कहा, 'कल तक (17 जनवरी) इंतजार कीजिए। 'अमरिंदर सिंह- विभाजन करने वाले कानून को लागू नहीं होने देंगे
पंजाब की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार को कहा था कि वह सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के मुद्दे पर सदन की भावना के अनुसार आगे बढ़ेगी।
पंजाब की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार को कहा था कि वह सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के मुद्दे पर सदन की भावना के अनुसार आगे बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने हाल ही में कहा था कि उनकी सरकार विभाजन करने वाले इस कानून को लागू नहीं होने देगी। यह कानून भारतीय संविधान का उल्लंघन करता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सीएए को निरस्त करने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने पर विचार करने के लिए पंजाब विधानसभा की सराहना की। अमरिंदर सिंह ने कहा कि वो अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के खिलाफ नहीं है लेकिन वो मुसलमानों सहित कुछ धार्मिक समुदायों के खिलाफ सीएए में भेदभाव" के पूरी तरह से विरोधी थे। इससे पहले दिसंबर 2018 में, केरल विधानसभा ने हाल ही में विवादास्पद कानून को खत्म करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था, ऐसा करने वाला केरल देश का पहला राज्य बन गया था। इसने केंद्र से देशव्यापी विरोध शुरू करने वाले विवादास्पद कानून को रद्द करने के लिए कहा।I commend the Punjab Legislative Assembly that will take up for consideration today a well-reasoned Resolution calling for the repeal of CAA.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 17, 2020